संभल में 10 दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक: DM का सख्त फैसला

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नई दिल्ली,30 नवम्बर। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बढ़ते विवादों और संभावित अशांति को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। संभल के जिलाधिकारी ने 10 दिसंबर तक जिले में बाहरी व्यक्तियों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। यह फैसला जिले में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।

क्या है मामला?

संभल जिले में हाल के दिनों में जामा मस्जिद विवाद और अन्य मुद्दों को लेकर माहौल तनावपूर्ण हो गया है। विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों के नेता इस मामले पर बयानबाजी कर रहे थे, जिससे तनाव और बढ़ने की संभावना थी। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने यह कड़ा कदम उठाया।

DM का आदेश

संभल के डीएम ने कहा, “जिले में शांति और सौहार्द बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। बाहरी व्यक्तियों और जनप्रतिनिधियों की गतिविधियों से स्थानीय जनता में अस्थिरता और विवाद बढ़ सकता है। इसलिए, जिले में 10 दिसंबर तक किसी भी बाहरी व्यक्ति या जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।”

आदेश का उद्देश्य

  1. संवेदनशील मुद्दों को शांत रखना: विवादित स्थलों और मुद्दों को लेकर किसी भी प्रकार की भड़काऊ गतिविधियों को रोकना।
  2. कानून-व्यवस्था बनाए रखना: जिले में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
  3. स्थानीय जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना: बाहरी हस्तक्षेप से होने वाले तनाव और हिंसा को रोकना।

प्रवेश प्रतिबंध का दायरा

  • यह आदेश जिले की सभी सीमाओं पर लागू रहेगा।
  • बाहरी नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों को जिले में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
  • प्रशासन ने पुलिस और स्थानीय अधिकारियों को आदेश दिया है कि जिले की सीमाओं पर सख्त निगरानी रखें।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस फैसले पर कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह आदेश लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। वहीं, जिला प्रशासन ने इसे पूरी तरह कानूनी और आवश्यक कदम बताया है।

स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया

स्थानीय जनता ने प्रशासन के इस फैसले का समर्थन किया है। उनका मानना है कि बाहरी हस्तक्षेप से जिले का माहौल खराब हो सकता है और यह रोक शांति बनाए रखने में सहायक होगी।

निष्कर्ष

संभल में बाहरी व्यक्तियों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक का फैसला जिले में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए एक जरूरी कदम है। प्रशासन ने यह संदेश साफ कर दिया है कि किसी भी प्रकार की विवादास्पद गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 10 दिसंबर के बाद स्थिति की समीक्षा के आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा।

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