अफगानिस्तान ,29अगस्त। अफगानिस्तान के अश्काशाम क्षेत्र में हाल ही में 5.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसकी जमीनी लहरें जम्मू और कश्मीर, दिल्ली, और उत्तरी भारत के कई हिस्सों में महसूस की गईं। इस भूकंप से लोगों में दहशत फैल गई और कई लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप के झटके 10 किलोमीटर की गहराई पर उत्पन्न हुए, जिससे इसके प्रभाव का क्षेत्र व्यापक रहा।
भूकंप का केंद्र और असर
भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के अश्काशाम क्षेत्र में स्थित था, लेकिन इसकी तीव्रता और गहराई के कारण इसकी लहरें भारत के उत्तरी हिस्सों तक पहुंच गईं। जम्मू और कश्मीर, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में लोगों ने झटकों को महसूस किया। दिल्ली-एनसीआर में भी कई इलाकों में लोग भूकंप के झटकों से भयभीत होकर अपने घरों और कार्यालयों से बाहर निकल आए।
दिल्ली और अन्य राज्यों में प्रतिक्रिया
दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। कई अपार्टमेंट्स और ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों ने झटकों को तीव्रता से महसूस किया। नोएडा, गुड़गांव, और फरीदाबाद जैसे एनसीआर क्षेत्रों में भी लोग सड़कों पर आ गए। इसी तरह, जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग जिलों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग घबरा गए और खुले स्थानों में आ गए।
भूकंप से होने वाले नुकसान की जानकारी
फिलहाल, भूकंप के कारण किसी बड़े जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। हालांकि, अफगानिस्तान के अश्काशाम क्षेत्र और भारत के उत्तरी हिस्सों में मामूली नुकसान की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।
वैज्ञानिकों की चेतावनी
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के वैज्ञानिकों के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 5.7 थी, जो कि मध्यम श्रेणी का माना जाता है। हालांकि, इस तीव्रता के भूकंप भी कभी-कभी गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं, खासकर जब उनका केंद्र घनी आबादी वाले क्षेत्रों के पास हो। वैज्ञानिकों ने कहा कि इस क्षेत्र में भूकंप आना आम बात है, और इससे जुड़े संभावित खतरों के बारे में लोगों को जागरूक रहना चाहिए।
लोगों को सतर्क रहने की सलाह
भूकंप के झटकों के बाद विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि भूकंप के बाद आने वाले आफ्टरशॉक्स से सावधान रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की असुरक्षित इमारतों या ढांचों से दूर रहना चाहिए। अगर कोई झटका महसूस होता है तो तुरंत खुले स्थान पर चले जाना चाहिए और सुरक्षित स्थान पर रहने की कोशिश करनी चाहिए।
निष्कर्ष
अफगानिस्तान के अश्काशाम में आए इस भूकंप ने एक बार फिर से लोगों को प्राकृतिक आपदाओं की गंभीरता का एहसास कराया है। भारत के उत्तरी हिस्सों में भी इसका असर महसूस किया गया, जिससे लोगों में डर और चिंता फैल गई। भूकंप जैसी आपदाओं से निपटने के लिए उचित तैयारियों और जागरूकता की जरूरत है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जा सके। सरकार और स्थानीय प्रशासन को भी चाहिए कि वे आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत करें और लोगों को इसके बारे में जागरूक करें।