कलकत्ता के मेडिकल कॉलेज में तोड़फोड़ पर सुनवाई
कोलकाता ,16अगस्त। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 14 अगस्त को हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने राज्य सरकार और पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा- अस्पताल में तोड़फोड़ के लिए 7 हजार की भीड़ आई थी। पुलिस क्या कर रही थी?
इस पर पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा- हिंसा को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए। 15 पुलिसवाले भी घायल हुए थे। DCP भी घायल हुए हैं। पुलिस की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई थी।
इस पर चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम ने कहा- ऐसे मामलों पर 144 लगाई जा सकती थी। 7000 लोग एकदम से नहीं आ सकते। साफतौर पर यह राज्य सरकार की नाकामी है। पुलिस अपने आप को नहीं बचा पा रही है। डॉक्टर्स को कैसे बचाएगी।
अब जानिए क्या है पूरा मामला..
- 8-9 अगस्त की रात रेप और मारपीट के बाद ट्रेनी डॉक्टर की गला और मुंह दबाकर हत्या हुई थी। पुलिस ने ट्रेनी डॉक्टर के परिवार को 12 अगस्त को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सौंपी। जिसमें बर्बरता का खुलासा हुआ।
- मृत ट्रेनी डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट्स पर गहरे घाव पाए गए। आरोपी ने डॉक्टर की चीख दबाने के लिए उनकी नाक, मुंह और गले को लगातार दबाया। गला घोंटने से थायराइड कार्टिलेज टूट गया।
- डॉक्टर के सिर को दीवार से सटा दिया गया था, जिससे वह चिल्ला न सके। पेट, होंठ, उंगलियों और बाएं पैर पर चोटें पाई गईं। फिर उन पर इतनी जोर से हमला किया कि चश्मा टूट गया और शीशे के टुकड़े उनकी आंखों में घुस गए। दोनों आंखों, मुंह और प्राइवेट पार्ट्स से खून बह रहा था।
- ऑल इंडिया गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के एडिशनल सेक्रेटरी डॉ. सुवर्ण गोस्वामी ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से कहा कि ये रेप नहीं, गैंगरेप हो सकता है। उन्होंने बताया कि ट्रेनी डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट से 151mg सीमन मिला है। इतनी ज्यादा मात्रा किसी एक शख्स की नहीं हो सकती है।
- ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के बाद पूरे देश में डॉक्टरों की हड़ताल और विरोध प्रदर्शन हो रहा है। 14 अगस्त को ऐसे ही एक प्रदर्शन में भीड़ हिंसक हो गई और अस्पताल में तोड़फोड़ कर दी। राज्य सरकार और विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।