यूपी के बलिया में अवैध वसूली का मामला: पुलिसकर्मियों की संलिप्तता उजागर, कांस्टेबल से लेकर दरोगा तक निलंबित
यूपी के बलिया में बिहार-यूपी बॉर्डर पर बिहार की तरफ से आने वाले ट्रकों से अवैध वसूली का मामला सामने आया है। इस घटना ने पूरे पुलिस विभाग को हिला कर रख दिया है। कांस्टेबल से लेकर दरोगा तक कई पुलिसकर्मियों की संलिप्तता उजागर होने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
घटना की पृष्ठभूमि
बलिया में बिहार-यूपी बॉर्डर पर कई ट्रक ड्राइवरों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी उनसे अवैध रूप से पैसे वसूल रहे हैं। यह वसूली ट्रकों को राज्य में प्रवेश करने देने के बदले की जा रही थी। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए गए।
डीआईजी वैभव कृष्णा का बयान
डीआईजी वैभव कृष्णा ने मामले की जांच करते हुए कहा कि यह अवैध वसूली एक संगठित अपराध की तरह चल रहा था। उन्होंने कहा, “इस पूरे मामले में कांस्टेबल से लेकर दरोगा तक कई पुलिसकर्मी शामिल थे। हमने सभी दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
अवैध वसूली का गणित
डीआईजी ने बताया कि पुलिसकर्मी ट्रक ड्राइवरों से प्रति ट्रक एक निश्चित राशि वसूलते थे। इस अवैध वसूली से एक बड़ी रकम जमा हो रही थी, जिसे बाद में विभिन्न पुलिसकर्मियों के बीच बांटा जाता था। उन्होंने कहा कि यह एक सुनियोजित तरीके से चलने वाला अपराध था, जिसे जड़ से उखाड़ने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस विभाग की कार्रवाई
इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस विभाग ने तत्परता से कार्रवाई की और मामले में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। साथ ही, उच्च अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए कड़े निर्देश जारी किए गए हैं।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
इस घटना ने स्थानीय जनता में भी रोष पैदा कर दिया है। लोग इस तरह की अवैध वसूली और पुलिस की संलिप्तता से नाराज हैं। उन्होंने मांग की है कि इस मामले में संलिप्त सभी पुलिसकर्मियों को सख्त सजा दी जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
निष्कर्ष
बलिया में बिहार-यूपी बॉर्डर पर अवैध वसूली का यह मामला पुलिस विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। इस घटना ने न केवल पुलिस विभाग की छवि को धूमिल किया है, बल्कि जनता के बीच भी असंतोष पैदा किया है। डीआईजी वैभव कृष्णा की कार्रवाई और दोषी पुलिसकर्मियों के निलंबन से यह संदेश स्पष्ट है कि कानून के रखवाले भी कानून के दायरे में हैं और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब देखना यह होगा कि इस घटना के बाद पुलिस विभाग अपनी साख को कैसे बहाल करता है और जनता का विश्वास कैसे जीतता है।