मिस्र की पहली महिला कैप्टन Marwa Elselehdar पर लगा स्वेज नहर में जहाज फंसाने का आरोप, बयां किया दर्द
स्वेज: इजिप्ट की स्वेज नहर (Suez Canal) में विशाल मालवाहक जहाज ‘एवर गिवेन (Ever Given)’ के फंसने के बाद स्वेज नहर के दोनों तरफ समुद्र में जाम लग गया था और 350 से ज्यादा मालवाहक जहाज फंस गए थे. इसके बाद मिस्र की पहली महिला जहाज कप्तान मारवा सुलेहदोर (Marwa Elselehdar) की मुश्किलें बढ़ गईं और उन्हें इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया जाने लगा, जबकि उस समय वह वहां से सैंकड़ों मील दूर एलेक्जेंड्रिया में ‘आएडा-फोर’ नाम के जहाज में बतौर फर्स्ट मेट काम कर रही थीं.
फर्जी खबरों से परेशान हो गई थीं मारवा
‘एवर गिवेन (Ever Given)’ के स्वेज नहर में फंसने के बाद इंटरनेट पर मारवा सुलेहदोर (Marwa Elselehdar) को लेकर फर्जी खबरें फैलने लगीं और उनकी भूमिका के बारे में स्क्रीनशॉट शेयर किए जाने लगे. इससे मारवा को काफी झटका लगा, क्योंकि खबरों में उनकी एक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था जिसे एडिट किया गया था. मारवा की फर्जी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही थीं.
मारवा सुलेहदोर ने बयां किया अपना दर्द
बीबीसी से बात करते हुए मारवा सुलेहदोर (Marwa Elselehdar) ने अपना दर्द बयां किया और कहा कि उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि ये अफवाह किसने फैलाई और क्यों. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगा कि इस क्षेत्र में एक सफल महिला और मिस्र से होने की वजह से निशाना बनाया गया. हालांकि पुख्ता तौर पर ये नहीं कह सकती कि ऐसा क्यों किया गया होगा.’
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‘हर मोड़ पर करना पड़ा भेदभाव का सामना’
मारवा सुलेहदोर (Marwa Elselehdar) कहती हैं कि उन्हें समंदर से प्यार था और उन्होंने मर्चेंट नेवी में जाने का फैसला किया, लेकिन उन्होंने लगभग हर मोड़ पर भेदभाव का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘एएएसटीएमटी में केवल पुरुषों को ही प्रवेश दिया जाता था और मिस्र के राष्ट्रपति होस्नी मुबारक की समीक्षा के बाद मुझे यहां दाखिला मिला.’ उन्होंने कहा, ‘मेरे साथ पढ़ने वालों में अधिकतर ज्यादा उम्र के पुरुष थे और सबकी अलग-अलग सोच थी. ऐसे में बातचीत करने के लिए समान सोच का व्यक्ति तलाशना मुश्किल था. अपनी मानसिक सेहत को बनाए रख कर इन सबसे अकेले गुजरना बहुत बड़ी चुनौती था.’
स्वेज नहर पार करने पर राष्ट्रपति से मिला सम्मान
पढ़ाई पूरी करने के बाद मारवा सुलेहदोर (Marwa Elselehdar) ने जहाज में फर्स्ट मेट के तौर पर काम किया. साल 2015 में जब स्वेज नहर में पहली बार ‘आएडा-फोर’ जहाज को उतारा गया तो मारवा को उसका कप्तान बनाया गया. उस वक्त को मिस्र की सबसे युवा और पहली महिला कप्तान थीं, जिन्होंने स्वेज नहर पार किया. साल 2017 मिस्र में हुए महिला दिवस समारोह में राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल-सीसी ने उन्हें सम्मानित किया.
अफवाहें उड़ने के बाद था इस बात का डर
मारवा सुलेहदोर (Marwa Elselehdar) बताती हैं कि जब उनके नाम कि अफवाहें उड़ने लगीं तो उन्हें डर लगा कि इसका असर उनके काम पर पड़ सकता है. मारवा ने कहा, ‘ये फर्जी खबरें अंग्रेजी में थीं, इसलिए कई देशों में तेजी से फैल गईं.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने इस खबर का खंडन करने की पूरी कोशिश की, क्योंकि इससे मेरा नाम खराब हो रहा था. इन फर्जी खबरों में कई निगेटिव कंमेंट थे, लेकिन कई आम लोगों और मेरे साथ काम करने वालों में सकारात्मक कमेंट भी लिखे थे. मैंने उन पर ध्यान दिया जो मेरा उत्साह बढ़ा रहे थे.’