मध्य प्रदेश: धार्मिक शहरों में होगी शराबबंदी, मुख्यमंत्री का बड़ा ऐलान

0

भोपाल ,14 जनवरी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य में धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखने के लिए बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने घोषणा की है कि प्रदेश के सभी धार्मिक शहरों में शराबबंदी लागू की जाएगी। इस निर्णय का उद्देश्य धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखना और सामाजिक बुराइयों पर नियंत्रण पाना है।

धार्मिक स्थलों की पवित्रता को मिलेगा संरक्षण

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में स्थित प्रमुख धार्मिक शहर जैसे उज्जैनओंकारेश्वरमहेश्वरचित्रकूट, और अमरकंटक जैसे पावन स्थलों पर शराब की बिक्री और सेवन पर पूरी तरह रोक लगाई जाएगी। मुख्यमंत्री का कहना है कि इन स्थलों पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं, ऐसे में वहां की पवित्रता बनाए रखना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

सामाजिक सुधार की दिशा में कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक शहरों में शराबबंदी से समाज में सकारात्मक बदलाव आएंगे। इससे युवा पीढ़ी नशे की बुरी आदतों से दूर रहेगी और पारिवारिक व सामाजिक ताने-बाने को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि धार्मिक स्थलों पर एक आदर्श वातावरण निर्मित हो, जहां श्रद्धालु पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ पूजा-पाठ कर सकें।”

व्यापारियों और स्थानीय निवासियों से अपील

मुख्यमंत्री ने स्थानीय व्यापारियों और निवासियों से अपील की कि वे सरकार के इस निर्णय का समर्थन करें और धार्मिक स्थलों की गरिमा को बनाए रखने में सहयोग करें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस फैसले से प्रभावित व्यापारियों के लिए वैकल्पिक रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

राजनीतिक और सामाजिक समर्थन

सरकार के इस फैसले का विभिन्न धार्मिक संगठनों, संत समाज और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह कदम धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने में सहायक होगा। वहीं विपक्ष ने इसे राजनीतिक रणनीति बताया है, लेकिन आम जनता ने इस निर्णय का समर्थन किया है।

अन्य राज्यों के लिए उदाहरण

मध्य प्रदेश सरकार का यह फैसला देश के अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। कई राज्यों में धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी की मांग लंबे समय से उठती रही है। ऐसे में मध्य प्रदेश का यह कदम सामाजिक सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का धार्मिक शहरों में शराबबंदी का निर्णय समाज में नैतिकता और संस्कारों को मजबूती देने वाला है। इससे न केवल धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनी रहेगी बल्कि समाज में व्याप्त बुराइयों पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा। सरकार का यह कदम सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक साहसिक और सराहनीय प्रयास है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.