इजरायल-गाजा युद्ध को लेकर सऊदी अरब में मुस्लिम नेताओं का सम्मेलन, शांति की मांग पर जोर

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नई दिल्ली,12 नवम्बर। सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हाल ही में वैश्विक मुस्लिम नेताओं का एक महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य विषय इजरायल और गाजा के बीच चल रहा संघर्ष रहा। इस सम्मेलन का आयोजन गाजा पट्टी में जारी हिंसा को लेकर मुस्लिम देशों के दृष्टिकोण को एकजुट करने और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के प्रयासों को लेकर किया गया।

सम्मेलन के प्रमुख मुद्दे

इस सम्मेलन में दुनियाभर के मुस्लिम देशों के प्रतिनिधियों, प्रमुख नेताओं, और इस्लामी संगठनों ने भाग लिया। गाजा और इजरायल में जारी संघर्ष पर चर्चा करते हुए नेताओं ने फ़लस्तीनियों के अधिकारों और उनके संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य संघर्ष के कारण हो रही हिंसा को रोकना, मानवाधिकारों का संरक्षण करना, और स्थाई समाधान के प्रयासों को मजबूती देना था।

प्रमुख नेताओं ने गाजा पट्टी में आम नागरिकों पर हो रहे हमलों की निंदा की और इसे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों के खिलाफ बताया। उन्होंने इजरायल और गाजा के बीच जारी संघर्ष से प्रभावित निर्दोष नागरिकों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। सम्मेलन में यह भी चर्चा हुई कि गाजा की स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक समर्थन और सक्रिय कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

इजरायल-फिलिस्तीन शांति प्रस्ताव की मांग

सम्मेलन के दौरान, कई मुस्लिम देशों के नेताओं ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच स्थाई शांति स्थापित करने के लिए वार्ता को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से अपील की कि वे इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई करें और दोनों पक्षों को वार्ता की मेज पर लाने का प्रयास करें। नेताओं ने इस पर बल दिया कि संघर्ष को समाप्त करने के लिए केवल सैन्य समाधान पर्याप्त नहीं है, बल्कि इसके लिए कूटनीतिक और शांतिपूर्ण उपाय आवश्यक हैं।

इस दौरान फिलिस्तीनियों के लिए एक स्वतंत्र और स्वायत्त राज्य की मांग भी उठाई गई, जो दो-राष्ट्र सिद्धांत के आधार पर हो। मुस्लिम नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि फिलिस्तीन का मुद्दा मुस्लिम समुदाय के लिए एक बड़ा मानवीय और धार्मिक मुद्दा है, और इसे लेकर सभी मुस्लिम देशों को एकजुट होकर खड़ा रहना चाहिए।

मानवाधिकारों का संरक्षण और सहायता की अपील

सम्मेलन में मानवीय सहायता की आवश्यकता पर जोर दिया गया। रियाद में कई नेताओं ने कहा कि गाजा के लोगों को तत्काल सहायता की जरूरत है, और सभी देशों से अपील की गई कि वे चिकित्सा और खाद्य सामग्री जैसी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए गाजा में मदद भेजें। सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों ने गाजा में मानवीय सहायता भेजने के लिए आर्थिक मदद की पेशकश भी की।

इसके अतिरिक्त, मुस्लिम देशों ने पश्चिमी देशों और विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका से भी आह्वान किया कि वे गाजा और इजरायल में शांति स्थापित करने के लिए निष्पक्ष भूमिका निभाएं और संघर्ष को समाप्त करने के लिए सभी संभव प्रयास करें।

सम्मेलन का निष्कर्ष और आगे की राह

रियाद में हुए इस सम्मेलन के अंत में सभी नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि इजरायल-गाजा संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान ढूंढना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ एक क्षेत्रीय विवाद नहीं है, बल्कि यह वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी एक चुनौती है।

मुस्लिम देशों ने इस मुद्दे पर एकजुटता बनाए रखने और भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की योजना बनाई। सम्मेलन ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से शांति और मानवाधिकारों की रक्षा में सहयोग करने की अपील की, जिससे कि गाजा और इजरायल में स्थिरता लाई जा सके और निर्दोष लोगों की जान बचाई जा सके।

इस सम्मेलन से यह स्पष्ट है कि मुस्लिम नेता इजरायल-गाजा विवाद को लेकर गहरी चिंता में हैं और वे इसे सुलझाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलकर प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस सम्मेलन के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाता है।

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