महाराष्ट्र: वाडा पुलिस ने कार से 3.70 करोड़ रुपये से अधिक नकदी की जब्ती, चालक हिरासत में
महाराष्ट्र ,9 नवम्बर। महाराष्ट्र के वाडा में पुलिस ने एक कार से 3.70 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद की है, जो एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। पुलिस ने इस नकदी को जब्त कर चालक को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। यह घटना उस समय हुई जब पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि नवी मुंबई के ऐरोली से एक संदिग्ध कार भारी नकदी के साथ वाडा की ओर जा रही है।
कैसे हुई कार की तलाशी?
गुप्त सूचना के आधार पर वाडा पुलिस ने इलाके में चौकसी बढ़ा दी थी। जब संदिग्ध कार वाडा की सीमा में पहुंची, तो पुलिस ने उसे रोककर तलाशी ली। तलाशी के दौरान पुलिस को कार में छिपा कर रखे गए बैग मिले, जिनमें कुल मिलाकर 3.70 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी पाई गई। इतनी बड़ी रकम के स्रोत और इसके उद्देश्य के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
चालक हिरासत में, पूछताछ जारी
पुलिस ने तुरंत कार के चालक को हिरासत में ले लिया और उसे वाडा पुलिस थाने ले जाया गया। प्रारंभिक पूछताछ में चालक ने इस नकदी के स्रोत या इसे लेकर जाने के उद्देश्य के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी है, जिससे पुलिस की शंका और बढ़ गई है। अब पुलिस चालक से गहराई से पूछताछ कर रही है ताकि नकदी का सही स्रोत और इसके पीछे की मंशा का पता लगाया जा सके।
जांच में सहयोग के लिए अन्य एजेंसियां भी होंगी शामिल
इतनी बड़ी मात्रा में नकदी मिलने के कारण पुलिस को संदेह है कि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग, हवाला लेनदेन या किसी बड़े आपराधिक षड्यंत्र से जुड़ा हो सकता है। इसी कारण अन्य जांच एजेंसियों को भी इस जांच में शामिल किया जा सकता है ताकि हर पहलू को ध्यान में रखते हुए मामले की तह तक पहुंचा जा सके।
चुनावी माहौल में नकदी की बरामदगी से बढ़ी सख्ती
वर्तमान में महाराष्ट्र में आगामी चुनावों को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने नकदी और अवैध गतिविधियों पर विशेष नजर रखी हुई है। चुनावों के समय में नकदी का उपयोग अवैध लेन-देन या मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया जाता है, इसलिए पुलिस चौकसी बढ़ा रही है।
निष्कर्ष
वाडा पुलिस की इस कार्रवाई से एक बार फिर से यह साफ हो गया है कि अवैध नकदी के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस ने जिस तेजी और सतर्कता से कार्रवाई की है, वह प्रशंसनीय है। अब देखना यह है कि जांच के बाद इस नकदी का असली मकसद और इसके स्रोत का खुलासा कब तक होता है।