केजरीवाल ने CM आवास छोड़ा परिवार के साथ 5-फिरोजशाह रोड पर नए घर में गए
नई दिल्ली,4 अक्टूबर। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सीएम आवास खाली कर दिया है। वे आज सुबह परिवार के साथ लुटियंस दिल्ली में फिरोजशाह रोड पर बंगला नंबर-5 में शिफ्ट होने के लिए निकले। मिनी ट्रकों से केजरीवाल का सामान उनके नए घर में शिफ्ट किया गया।
5, फिरोजशाह रोड पर स्थित बंगला AAP के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल को आवंटित है। अशोक मित्तल ने कहा कि मुझे जब पता चला कि केजरीवाल के पास रहने के लिए घर नहीं है, तो मैंने उन्हें अपने घर में गेस्ट के तौर पर रहने के लिए कहा था। वे इसके लिए तैयार हो गए।
केजरीवाल ने 17 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने सीएम आवास और सभी सरकारी सुविधाएं छोड़ने का ऐलान किया था। AAP ने कहा था कि केजरीवाल नया घर देख रहे हैं। वे ऐसी जगह ढूंढ रहे हैं, जहां रहने में कोई विवाद न हो।
AAP ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार से केजरीवाल को नेशनल पार्टी के प्रमुख के तौर पर आवास मुहैया कराने की मांग की गई थी, लेकिन सरकार की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं आया था।
दिल्ली में CM खुद बंगला चुनते हैं, कोई आधिकारिक आवास नहीं दिल्ली में कोई आधिकारिक CM हाउस नहीं है। केजरीवाल से पहले जाे भी CM हुए, वे अलग-अलग बंगलों में रह चुके हैं। 1993 में मदनलाल खुराना को 33 शामनाथ मार्ग, उनके बाद साहेब सिंह वर्मा को 9 शामनाथ मार्ग और शीला दीक्षित को पहले एबी-17 मथुरा रोड और दूसरे कार्यकाल में 3 मोतीलाल नेहरू मार्ग वाला बंगला आवंटित किया गया था।
दिल्ली में मुख्यमंत्री अपनी सहूलियत के हिसाब से बंगला चुनते हैं। CM पद से हटने के बाद उन्हें अपने पुश्तैनी, निजी या किराए का कोई मकान लेकर रहना पड़ता है। इसके लिए अलग से कोई आवास भत्ता भी नहीं दिया जाता है। आवास भत्ता कुल प्रतिमाह दी जाने वाली राशि में शामिल होता है।
दिल्ली में CM खुद बंगला चुनते हैं, कोई आधिकारिक आवास नहीं दिल्ली में कोई आधिकारिक CM हाउस नहीं है। केजरीवाल से पहले जाे भी CM हुए, वे अलग-अलग बंगलों में रह चुके हैं। 1993 में मदनलाल खुराना को 33 शामनाथ मार्ग, उनके बाद साहेब सिंह वर्मा को 9 शामनाथ मार्ग और शीला दीक्षित को पहले एबी-17 मथुरा रोड और दूसरे कार्यकाल में 3 मोतीलाल नेहरू मार्ग वाला बंगला आवंटित किया गया था।
दिल्ली में मुख्यमंत्री अपनी सहूलियत के हिसाब से बंगला चुनते हैं। CM पद से हटने के बाद उन्हें अपने पुश्तैनी, निजी या किराए का कोई मकान लेकर रहना पड़ता है। इसके लिए अलग से कोई आवास भत्ता भी नहीं दिया जाता है। आवास भत्ता कुल प्रतिमाह दी जाने वाली राशि में शामिल होता है।