बिहार में शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य: 1 अक्टूबर से वेतन के लिए ऑनलाइन उपस्थिति जरूरी
बिहार ,29अगस्त। बिहार में शिक्षकों के वेतन और उपस्थिति को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने घोषणा की है कि 1 अक्टूबर से केवल उन्हीं शिक्षकों को वेतन दिया जाएगा, जो अपनी उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करेंगे। इस नए नियम के तहत, शिक्षक अब अपनी उपस्थिति मोबाइल ऐप के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज करेंगे। यह कदम राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और शिक्षकों की उपस्थिति की निगरानी करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
नए नियम की घोषणा
एस सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया है कि शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति को अनिवार्य करने का निर्णय शिक्षा विभाग की ओर से बेहतर प्रशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। ऑनलाइन उपस्थिति से स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति की समस्या पर भी काबू पाया जा सकेगा, जो अब तक शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही थी।
ऑनलाइन उपस्थिति के लाभ
पारदर्शिता में वृद्धि: ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली से शिक्षकों की उपस्थिति की सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। इससे शिक्षा विभाग को वास्तविक समय में जानकारी मिल सकेगी कि कौन सा शिक्षक स्कूल में उपस्थित है और कौन नहीं।
अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्रवाई: शिक्षकों की अनुपस्थिति की समस्या को हल करने में यह नियम काफी मददगार साबित होगा। अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी, जिससे स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
प्रशासनिक निगरानी: ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली से शिक्षा विभाग को प्रशासनिक निगरानी करने में आसानी होगी। अधिकारियों को शिक्षकों की उपस्थिति की स्थिति के बारे में वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त होगी।
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार: जब शिक्षक नियमित रूप से स्कूल में उपस्थित रहेंगे, तो यह विद्यार्थियों की पढ़ाई और शिक्षा की गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। इससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
शिक्षकों की चिंताएँ
हालांकि, इस नए नियम को लेकर शिक्षकों के बीच कुछ चिंताएँ भी उभर रही हैं। कई शिक्षक यह सवाल उठा रहे हैं कि अगर किसी कारणवश वे ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाते हैं, तो क्या उनके वेतन पर इसका असर पड़ेगा? इसके अलावा, ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की समस्याएं भी शिक्षकों के लिए चिंता का विषय हैं।
शिक्षकों का मानना है कि उन्हें इस नए प्रणाली के साथ सहज होने के लिए समय चाहिए, और इसके लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही, सरकार को इस बात की गारंटी भी देनी चाहिए कि तकनीकी समस्याओं के कारण किसी भी शिक्षक का वेतन रोका नहीं जाएगा।
सरकार की तैयारी
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए पहले से ही कुछ कदम उठाए हैं। विभाग की ओर से शिक्षकों को ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के लिए मोबाइल ऐप के इस्तेमाल के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, तकनीकी सहायता के लिए हेल्पलाइन भी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि शिक्षकों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
निष्कर्ष
बिहार में शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति की अनिवार्यता का यह कदम शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे न केवल शिक्षकों की उपस्थिति पर निगरानी रखी जा सकेगी, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। हालाँकि, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस नए नियम के कार्यान्वयन में किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या या असुविधा शिक्षकों के लिए न हो। यदि सरकार इस दिशा में सफल होती है, तो यह कदम बिहार के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।