भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी बैठक रेपो रेट स्थिर, UPI ट्रांजैक्शन लिमिट में बड़ा बदलाव

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नई दिल्ली,8अगस्त। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के नतीजे आ गए हैं। इस बैठक में लगातार 9वीं बार रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही, UPI ट्रांजैक्शन लिमिट में भी महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है।

रेपो रेट स्थिर रखने का निर्णय
RBI ने अपनी मॉनेटरी पॉलिसी बैठक में रेपो रेट को 6.50% पर स्थिर रखने का फैसला किया है। यह लगातार 9वीं बार है जब RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है। रेपो रेट स्थिर रखने का मुख्य उद्देश्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और आर्थिक स्थिरता बनाए रखना है।

UPI ट्रांजैक्शन लिमिट में बदलाव
RBI ने UPI (Unified Payments Interface) के माध्यम से किए जाने वाले ट्रांजैक्शनों की लिमिट में भी बड़ा बदलाव किया है। अब, UPI के जरिए एकल ट्रांजैक्शन की लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। यह कदम डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और बड़े लेनदेन को सरल बनाने के लिए उठाया गया है।

UPI ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाने के लाभ
बड़े लेनदेन की सुविधा: नई लिमिट से व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा, क्योंकि वे अब बड़ी रकम को आसानी से ट्रांसफर कर सकेंगे।
डिजिटल भुगतान का प्रोत्साहन: इससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा और नकद लेनदेन में कमी आएगी।
सुरक्षा और सरलता: UPI के माध्यम से बड़े लेनदेन करने की सुरक्षा और सरलता बनी रहेगी, जिससे उपयोगकर्ता का विश्वास बढ़ेगा।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
रेपो रेट स्थिर रखने का फैसला अर्थव्यवस्था पर मिश्रित प्रभाव डाल सकता है। जबकि यह निर्णय मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद करेगा, वहीं ब्याज दरें स्थिर रहने से उधारी की लागत भी स्थिर रहेगी, जिससे ऋण लेने वाले व्यक्तियों और व्यवसायों को राहत मिलेगी।

UPI ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाने का निर्णय डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और व्यापारियों तथा उपभोक्ताओं के बीच बड़े लेनदेन को प्रोत्साहित करेगा। इससे डिजिटल भुगतान को भी बढ़ावा मिलेगा और भारत के वित्तीय परिदृश्य में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।

निष्कर्ष
भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी बैठक के नतीजे, विशेष रूप से रेपो रेट को स्थिर रखने और UPI ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाने के निर्णय, देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह कदम न केवल मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में सहायक होगा बल्कि डिजिटल भुगतान को भी प्रोत्साहित करेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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