पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन बनीं UPSC की नई अध्यक्ष: 1983 बैच की आईएएस अधिकारी ने गुरुवार को संभाला पदभार
1983 बैच की आईएएस अधिकारी और पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। प्रीति सूदन ने गुरुवार, 1 अगस्त 2024 को अपना पदभार संभाल लिया है। इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति से न केवल उनके प्रशासनिक करियर को नई ऊंचाई मिली है, बल्कि यह निर्णय UPSC के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
प्रीति सूदन का परिचय:
प्रीति सूदन आंध्र प्रदेश कैडर की 1983 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। अपने लंबे और सफल करियर के दौरान, उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के रूप में उनकी सेवाएं विशेष रूप से सराहनीय रही हैं। उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में कई महत्वपूर्ण पहलें और सुधार लागू किए हैं, जो देश की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने में सहायक सिद्ध हुए हैं।
UPSC अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका:
UPSC देश की प्रमुख सरकारी सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन करती है। इसके अध्यक्ष के रूप में प्रीति सूदन का कार्यभार न केवल महत्वपूर्ण है, बल्कि चुनौतीपूर्ण भी है। इस भूमिका में वे विभिन्न परीक्षाओं के संचालन, साक्षात्कार, और चयन प्रक्रियाओं की देखरेख करेंगी। उनकी नियुक्ति से उम्मीद की जा रही है कि वे अपने अनुभव और नेतृत्व क्षमता से UPSC को और भी अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएंगी।
पदभार संभालने पर प्रीति सूदन का वक्तव्य:
पदभार संभालने के बाद, प्रीति सूदन ने कहा, “यह मेरे लिए एक बड़ा सम्मान और जिम्मेदारी है। मैं UPSC की प्रतिष्ठा और इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को बनाए रखने के लिए अपने सर्वोत्तम प्रयास करूंगी। मेरा लक्ष्य है कि हम सभी प्रक्रियाओं को और भी पारदर्शी और निष्पक्ष बनाएं।”
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया:
प्रीति सूदन की नियुक्ति पर सरकार और प्रशासन के उच्च अधिकारियों ने उन्हें बधाई दी है। केंद्रीय मंत्री और विभिन्न विभागों के सचिवों ने उनके नेतृत्व और अनुभव की सराहना की है। उनकी नियुक्ति को UPSC के भविष्य के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
निष्कर्ष:
प्रीति सूदन की UPSC अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति न केवल उनके व्यक्तिगत करियर की महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि यह देश के प्रशासनिक तंत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षण है। उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता से UPSC को नई ऊंचाईयों पर ले जाने की उम्मीद की जा रही है। उनकी नियुक्ति से न केवल चयन प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ेगी, बल्कि यह युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी होगी, जो सरकारी सेवाओं में करियर बनाना चाहते हैं।