कांग्रेस की स्ट्रेटेजिक मीटिंग में शशि थरूर फिर नहीं पहुंचे: भीतरखाने बढ़ती दूरियों पर नए सवाल

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नई दिल्ली, 01 दिसंबर 2025 । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद डॉ. शशि थरूर एक बार फिर पार्टी की बेहद महत्वपूर्ण स्ट्रेटेजिक मीटिंग से गैरहाज़िर रहे। यह लगातार दूसरी बार है जब वे पार्टी की उच्च-स्तरीय रणनीतिक बैठक में मौजूद नहीं थे, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में उनके कांग्रेस से रिश्तों पर नई चर्चाएँ तेज हो गई हैं।

कांग्रेस वर्किंग कमेटी के मेंबर और MP शशि थरूर ने एक बार फिर कांग्रेस के स्ट्रेटेजिक ग्रुप की एक जरूरी मीटिंग अटेंड नहीं की। 30 नवंबर को पार्लियामेंट के विंटर सेशन को लेकर सोनिया गांधी की लीडरशिप में बैठक हुई। हालांकि थरूर के ऑफिस ने बताया कि वह केरल में अपनी 90 साल की मां के साथ हैं।

यह दूसरा मौका है जब थरूर पार्टी की किसी मीटिंग में नहीं पहुंचे। इससे पहले खराब सेहत का हवाला देकर SIR मुद्दे पर बुलाई गई कांग्रेस की मीटिंग में भी वे नहीं पहुंचे थे। उस दौरान वे पीएम मोदी के इवेंट में शामिल हुए थे, जिसे लेकर बवाल मचा था।

कांग्रेस की जरूरी मीटिंग्स से थरूर का लगातार गायब रहना पार्टी के अंदर चर्चा का विषय बन गया है। कांग्रेस और थरूर के बीच का रिश्ता लंबे समय से किसी से छिपा नहीं है, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई मौकों पर थरूर का PM मोदी की तरफ झुकाव अक्सर सुर्खियों में रहता है।

कांग्रेस नेता बोले- थरूर दोगले हैं

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि शशि थरूर की प्रॉब्लम यह है कि मुझे नहीं लगता कि उन्हें देश के बारे में ज्यादा पता है। अगर आपके हिसाब से कोई कांग्रेस की पॉलिसी के खिलाफ जाकर देश का भला कर रहा है, तो आपको उन पॉलिसी को फॉलो करना चाहिए। आप कांग्रेस में क्यों हैं? क्या सिर्फ इसलिए कि सांसद हैं।

दीक्षित ने कहा- अगर थरूर को सच में लगता है कि BJP या PM मोदी की स्ट्रेटेजी आपकी पार्टी से बेहतर काम कर रही हैं, तो आपको एक्सप्लेनेशन देना चाहिए। अगर आप एक्सप्लेनेशन नहीं दे रहे हैं, तो आप दोगले हैं। कांग्रेस की रणनीतिक बैठकों से लगातार गैरहाज़िरी यह दिखाती है कि थरूर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच संवाद में कहीं न कहीं खाई बढ़ रही है।
आने वाले समय में यह स्पष्ट होगा कि यह केवल परिस्थितिजन्य घटना है या किसी बड़े राजनीतिक बदलाव का संकेत।

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