नई दिल्ली, भारतीय क्रिकेट में विराट कोहली का नाम सिर्फ एक खिलाड़ी का नहीं, बल्कि एक युग का प्रतीक माना जाता है। लंबे समय से उनकी टेस्ट टीम में संभावित वापसी को लेकर चर्चाएं तेज थीं, लेकिन अब खुद कोहली ने अपने बयान से इन तमाम कयासों पर पूर्ण विराम लगा दिया है।
रांची में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा— “अभी मेरा पूरा फोकस वनडे क्रिकेट पर है। फिलहाल मैं सिर्फ ODI खेलूंगा।”
उनके इस बयान ने क्रिकेट जगत में नई बहस छेड़ दी है, क्योंकि कोहली टेस्ट फॉर्मेट के उन दुर्लभ बल्लेबाजों में से रहे हैं, जिन्होंने पांचों महाद्वीपों में शतक लगाए और भारतीय टीम को नंबर-1 बनाने में बड़ी भूमिका निभाई।
रांची में खेले गए पहले वनडे में भारत ने साउथ अफ्रीका को 17 रन से हराकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। इस मैच में विराट कोहली ने 135 रन की शानदार पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई। मैच के बाद कोहली ने साफ कहा कि अब उनका पूरा ध्यान सिर्फ वनडे क्रिकेट पर है।
वे पहले ही टी-20 और टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। हाल की टेस्ट सीरीज में भारत की 0-2 से हार के बाद उनकी टेस्ट टीम में वापसी के कयास लग रहे थे, लेकिन रांची में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद कोहली ने इन चर्चाओं को खत्म कर दिया।
कोहली को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। उनके बयान के बाद जब उनके वर्ल्ड कप खेलने को लेकर सवाल पूछे गए, तो टीम के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने कहा- जब वे इतनी अच्छी फॉर्म में हैं, तो ऐसे सवाल उठाने की जरूरत ही क्या है?
मैं मानसिक रूप से मजबूत- कोहली मैच के बाद विराट कोहली ने कहा कि उनकी तैयारी पूरी तरह मानसिक होती है। उन्होंने बताया कि जब तक शरीर की स्थिति ठीक रहती है और वे मानसिक रूप से शार्प महसूस करते हैं, तब तक उन्हें खुद पर भरोसा रहता है। कोहली ने कहा कि वे मैच से पहले एक दिन का ब्रेक लेते हैं, क्योंकि अब 37 साल की उम्र में रिकवरी के लिए समय की भी जरूरत होती है।
कोहली ने भले ही टेस्ट क्रिकेट से दूरी की घोषणा कर दी हो, लेकिन उनका वनडे और टी20 में प्रभाव अब भी उसी तरह है जैसा वर्षों पहले था।
ODI में उनकी तकनीक, रन चेज़ की क्षमता और बड़े मौकों पर प्रदर्शन टीम इंडिया की सबसे बड़ी पूंजी है।
आने वाले समय में वनडे फॉर्मेट में उनकी भूमिका और अधिक अहम होती जाएगी—एक मार्गदर्शक, एक परफॉर्मर और एक बैटिंग आइकन की तरह।