नई दिल्ली, 3 अक्तूबर 2025 । भारतीय संगीत की स्वर साम्राज्ञी आशा भोंसले के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए उनके पर्सनैलिटी राइट्स को सुरक्षित किया है। अदालत ने कहा कि आशा भोंसले की पहचान, छवि, नाम और आवाज़ का किसी भी प्रकार से बिना अनुमति व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जा सकता। यह फैसला उन तमाम कलाकारों के लिए भी मिसाल है, जिनकी लोकप्रियता का कई बार विज्ञापनों, कार्यक्रमों या ब्रांड प्रमोशन में अनुचित इस्तेमाल किया जाता है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सिंगर आशा भोसले के नाम, आवाज और पहचान का बिना अनुमति के इस्तेमाल करने पर रोक लगाई है। अब AI प्लेटफॉर्म, ई-कॉमर्स और दूसरे बिना अनुमति इनका इस्तेमाल नहीं कर सकते।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि AI टूल्स का इस्तेमाल करके सेलिब्रिटी की आवाज की नकल करना उनके पर्सनैलिटी राइट्स का उल्लंघन है। ये टूल्स बिना अनुमति उनकी आवाज को बदल और दोहरा सकते हैं, जो उनके पब्लिक और पर्सनल आइडेंटिटी का अहम हिस्सा है।
आशा भोसले ने कोर्ट का रुख तब किया जब उन्होंने देखा कि कई जगह उनका नाम और पहचान गलत तरीके से इस्तेमाल हो रही है। शिकायत में AI कंपनी Mayk, ई-कॉमर्स साइट्स अमेजन और फ्लिपकार्ट, टेक प्लेटफॉर्म गूगल और एक स्वतंत्र कलाकार शामिल थे।
स्वतंत्र कलाकार ने आशा भोसले की तस्वीर वाले कपड़े बेचे
शिकायत में कहा गया कि Mayk उनकी आवाज का AI क्लोन बना और वितरित कर रहा था। अमेजन और फ्लिपकार्ट उनकी तस्वीर वाले पोस्टर और मर्चेंडाइज बिना अनुमति बेच रहे थे। गूगल इसलिए शामिल था क्योंकि यूट्यूब पर AI कंटेंट में उनकी आवाज की नकल हो रही थी। स्वतंत्र कलाकार ने उनकी तस्वीर वाली कपड़े की बिक्री की।
आशा भोसले की टीम ने कहा कि इस तरह का बिना अनुमति इस्तेमाल उनके 80 साल के करियर में अर्जित प्रतिष्ठा और गुडविल को नुकसान पहुंचाता है। उनके करियर में उन्होंने पद्म विभूषण, दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड और दो ग्रैमी नामांकन भी प्राप्त किए।
कोर्ट ने मामले की समीक्षा के बाद सभी प्रतिवादियों के खिलाफ रेस्ट्रेनिंग ऑर्डर जारी किया। अब कोई भी उनके नाम, तस्वीर या आवाज का बिजनेस या निजी फायदा लेने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता।
साथ ही कोर्ट ने सभी प्लेटफॉर्म और सेलर्स को सभी कंटेंट और प्रोडक्ट लिस्टिंग हटाने का आदेश दिया। उन्हें आशा भोसले को उन लोगों की जानकारी भी देनी होगी जिन्होंने उनका उल्लंघन किया, ताकि वे आगे की कानूनी कार्रवाई कर सकें।