दिल्ली में आम आदमी पार्टी के टिकट बंटवारे पर असंतोष, कई विधायक बीजेपी और कांग्रेस के संपर्क में
नई दिल्ली,12 दिसंबर। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के भीतर टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष के स्वर तेज हो गए हैं। पार्टी द्वारा जारी की गई उम्मीदवारों की पहली और दूसरी सूची में कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाने के बाद, कुछ विधायक अब पार्टी छोड़ने का विचार कर रहे हैं और अन्य पार्टियों, विशेष रूप से बीजेपी और कांग्रेस, के संपर्क में हैं।
अब तक ‘आप’ ने 31 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें 18 विधायकों का टिकट काटा गया है। इनमें से कई विधायक, जिनका टिकट कटने का खतरा है, यह आरोप लगा रहे हैं कि पार्टी में अन्ना आंदोलन के समय से जुड़े नेताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। सीलमपुर के विधायक ने पहले ही पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है।
मौजूदा विधायक रोहित कुमार ने त्रिलोकपुरी सीट से अपना टिकट कटने पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि वह जी हजूरी नहीं करते, बल्कि स्वाभिमानी और खुद्दार हैं। उन्होंने यहां तक दावा किया कि वह अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
इसके अलावा, आप ने अब तक दो सूची जारी की हैं, जिसमें से पहली सूची में 11 और दूसरी सूची में 20 उम्मीदवारों के नाम थे। कई विधायक जैसे शरद चौहान, दिलीप पांडेय, राजकुमार आनंद, हाजी युनूस और अन्य को टिकट नहीं दिया गया है। वहीं, कुछ विधायकों के बेटों को पार्टी द्वारा टिकट दिया गया है, जैसे एस के बग्गा और प्रह्लाद सिंह साहनी के बेटे।
विधायकों की नाराजगी के कारण कई सीटों पर उम्मीदवार बदले गए हैं। उदाहरण के लिए, नरेला सीट से शरद चौहान का टिकट काटकर दिनेश भारद्वाज को मैदान में उतारा गया, जिससे शरद चौहान नाराज हो गए हैं। इसी तरह आदर्श नगर और अन्य सीटों पर भी उम्मीदवारों के चयन को लेकर विवाद बढ़ गया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, आम आदमी पार्टी की यह रणनीति है कि वह विभिन्न सीटों पर नए चेहरों को लाकर चुनावी मैदान में उतरे। नजफगढ़ सीट पर कैलाश गहलोत की जगह निर्दलीय पार्षद तरुण यादव को टिकट दिए जाने की संभावना जताई जा रही है, जिसके बाद वह पार्टी में शामिल हो चुके हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के संकेत जल्द ही मिल सकते हैं, और इस बीच आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस अपनी-अपनी रणनीतियों को साकार करने में जुटी हुई हैं। पार्टी में टिकट कटने से नाराज कई विधायक अब बीजेपी और कांग्रेस के संपर्क में हैं, जिससे आने वाले दिनों में राजनीतिक तस्वीर में बदलाव संभव है।