सेमीकंडक्टर को लेकर भारत की रणनीति: सेमीकॉन इंडिया एक्सपो 2024 का आयोजन

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नई दिल्ली,11 सितम्बर। भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार ने बड़ी योजनाएं बनाई हैं। इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में, 2024 में ग्रेटर नोएडा में तीन दिवसीय सेमीकॉन इंडिया एक्सपो (Semicon India Expo) का आयोजन किया जा रहा है। इस एक्सपो का उद्देश्य भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देना, नई तकनीकों का विकास करना, और वैश्विक सेमीकंडक्टर कंपनियों को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहित करना है।

सेमीकॉन इंडिया एक्सपो 2024 का उद्देश्य
सेमीकॉन इंडिया एक्सपो 2024 का मुख्य उद्देश्य भारत को सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करना है। इसके साथ ही, सरकार का लक्ष्य है कि इस एक्सपो के माध्यम से वैश्विक और भारतीय कंपनियों के बीच साझेदारी को बढ़ावा मिले और भारत में सेमीकंडक्टर उत्पादन की क्षमताओं में वृद्धि हो।

एक्सपो में भारत और दुनिया भर की कई प्रमुख सेमीकंडक्टर कंपनियाँ, विशेषज्ञ, उद्योगपति, और नीति निर्माता हिस्सा ले रहे हैं। एक्सपो के दौरान, सेमीकंडक्टर उद्योग से जुड़े नए इनोवेशन, डिजाइन, और उत्पादन तकनीकों पर चर्चा की जाएगी, ताकि भारत में इस क्षेत्र को तकनीकी रूप से और सक्षम बनाया जा सके।

भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति
भारत ने हाल के वर्षों में सेमीकंडक्टर उद्योग को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि सेमीकंडक्टर तकनीक आधुनिक उद्योग, जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, और टेलीकॉम सेक्टर का प्रमुख घटक है। वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर की मांग बढ़ रही है, और कोविड-19 महामारी के बाद सप्लाई चेन में आई रुकावटों ने यह साफ कर दिया कि सेमीकंडक्टर उत्पादन में आत्मनिर्भरता कितनी जरूरी है।

सरकार की “सेमीकंडक्टर मिशन” के तहत, कई नीतिगत सुधार किए जा रहे हैं, जैसे:

वित्तीय प्रोत्साहन: भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए कई प्रकार के वित्तीय प्रोत्साहन और सब्सिडी की घोषणा की है, ताकि कंपनियों को भारत में फैक्ट्री लगाने के लिए आकर्षित किया जा सके।

इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि उत्पादन की प्रक्रिया सुचारू रूप से चले। इसके तहत, नई तकनीकी हब और उत्पादन इकाइयों के निर्माण पर ध्यान दिया जा रहा है।

मानव संसाधन विकास: सेमीकंडक्टर उद्योग में कुशल श्रमिकों और इंजीनियरों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर भी जोर दिया है। आईआईटी और अन्य तकनीकी संस्थानों में सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और विकास से जुड़े कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।

वैश्विक साझेदारी: भारत सरकार दुनिया के प्रमुख सेमीकंडक्टर निर्माताओं के साथ साझेदारी की दिशा में भी काम कर रही है। अमेरिका, ताइवान, जापान और अन्य देशों के साथ सेमीकंडक्टर उद्योग में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई समझौते किए गए हैं।

भारत का भविष्य सेमीकंडक्टर क्षेत्र में
सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता से भारत न केवल अपने घरेलू बाजार की मांग को पूरा करेगा, बल्कि वैश्विक बाजार में भी एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है। यह न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी, क्योंकि कई महत्वपूर्ण उपकरण और तकनीकें सेमीकंडक्टर पर निर्भर होती हैं।

भारत के पास सस्ते और कुशल श्रमबल के साथ-साथ विशाल बाजार है, जो इसे वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनने की दिशा में मजबूत करता है। साथ ही, सरकार की नीतिगत पहल और समर्थन इस सेक्टर को गति प्रदान कर रही है।

निष्कर्ष
सेमीकॉन इंडिया एक्सपो 2024 भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र को एक नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है। सरकार की रणनीति सेमीकंडक्टर उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने, वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने, और आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर आधारित है। भारत ने अपनी योजना में स्पष्ट कर दिया है कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में वह अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए सभी संभव उपाय करेगा, जिससे देश की औद्योगिक और आर्थिक प्रगति को एक नई गति मिल सके।

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