नई दिल्ली,12अगस्त। अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने एक बार फिर भारतीय बाजार में हलचल मचाते हुए SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की चेयरपर्सन मधबी पुरी बुच पर गंभीर सवाल उठाए हैं। बीते शनिवार को हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट पब्लिश की, जिसमें मधबी पुरी बुच के नेतृत्व में SEBI की कार्यप्रणाली पर निशाना साधा गया है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि SEBI भारतीय बाजार की पारदर्शिता और निवेशकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि मधबी पुरी बुच ने SEBI के जांच और निगरानी तंत्र को कमजोर किया है, जिससे बड़े कॉर्पोरेट्स को लाभ पहुंचा है।
यह रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है जब SEBI पहले से ही कई विवादों से घिरा हुआ है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में SEBI की जांच प्रक्रिया, खासकर बड़े कॉर्पोरेट घोटालों की जांच के मामले में, कई खामियों को उजागर किया है। उनका कहना है कि SEBI के मौजूदा नेतृत्व के तहत कई महत्वपूर्ण मामलों में ढिलाई बरती गई है, जिससे बाजार में अनिश्चितता का माहौल पैदा हुआ है।
इस रिपोर्ट के बाद भारतीय बाजार में हलचल मच गई है। निवेशक और विशेषज्ञ SEBI की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, मधबी पुरी बुच ने हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि SEBI अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ निभा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि SEBI के सभी निर्णय कानूनी प्रक्रिया और नियमों के तहत लिए जाते हैं।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने भारतीय बाजार में एक बार फिर से अनिश्चितता और अस्थिरता का माहौल पैदा कर दिया है। SEBI और हिंडनबर्ग के बीच जारी यह विवाद आने वाले दिनों में और भी गहराने की संभावना है, जिससे बाजार पर इसके प्रभाव को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
अब देखना यह होगा कि SEBI इस चुनौती का सामना कैसे करता है और भारतीय बाजार में निवेशकों के विश्वास को कैसे बनाए रखता है। इस पूरे घटनाक्रम पर न केवल भारत बल्कि वैश्विक निवेशकों की भी निगाहें टिकी हुई हैं।