क्रिकेट सट्टे के बड़े बुकी अंकुश मंगल का कोर्ट में समर्पण

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क्रिकेट सट्टे की दुनिया में बड़ा नाम कमा चुके बुकी अंकुश मंगल ने मंगलवार को कोर्ट में गुपचुप समर्पण कर दिया। अंकुश मंगल, जो केवल दसवीं कक्षा तक पढ़ा है, ने पिछले 15 वर्षों में सट्टे की कमाई से सौ करोड़ रुपये की संपत्ति बना ली थी। आगरा पुलिस ने उसकी गतिविधियों पर शिकंजा कसते हुए गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था।

सट्टे की दुनिया में उदय

अंकुश मंगल ने क्रिकेट सट्टे की दुनिया में अपनी पहचान बनाई और तेजी से इस अवैध धंधे में ऊपर उठता गया। सीमित शिक्षा के बावजूद, उसने सट्टे से बेशुमार दौलत कमाई और अपने नेटवर्क को विस्तृत किया। उसकी संपत्ति का अनुमानित मूल्य सौ करोड़ रुपये के करीब है, जो उसने सट्टे की कमाई से अर्जित की है।

पुलिस का शिकंजा और समर्पण

आगरा पुलिस ने अंकुश मंगल पर शिकंजा कसना शुरू किया और उसकी गिरफ्तारी के लिए दो महीने से तलाश में थी। हालांकि, पुलिस उसे गिरफ्तार करने में असफल रही। इस बीच, अंकुश को 31 मई तक का कोर्ट से स्टे मिला था, जिसके कारण वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहा।

मंगलवार को, जब कोर्ट में उसकी पेशी थी, तो अंकुश ने बिना किसी शोर-शराबे के गुपचुप तरीके से समर्पण कर दिया। पुलिस और न्यायिक अधिकारियों के अनुसार, यह समर्पण एक महत्वपूर्ण कदम है, जो क्रिकेट सट्टे के खिलाफ जारी अभियान में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

कानूनी कार्रवाई

अंकुश मंगल के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस उसकी संपत्ति और सट्टे के नेटवर्क की विस्तृत जांच कर रही है। इस मामले में आगे की कार्रवाई के तहत उसकी संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है और सट्टे के नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

समाज पर प्रभाव

अंकुश मंगल का मामला इस बात को उजागर करता है कि कैसे सीमित शिक्षा और साधनों के बावजूद लोग अवैध धंधों में संलग्न होकर बड़ी संपत्ति अर्जित कर सकते हैं। यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि अवैध धंधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और जागरूकता की जरूरत है ताकि युवा सही दिशा में आगे बढ़ सकें।

निष्कर्ष

क्रिकेट सट्टे के बड़े बुकी अंकुश मंगल का समर्पण एक महत्वपूर्ण घटना है जो सट्टे के अवैध धंधे के खिलाफ चल रहे अभियान को और मजबूती देगा। पुलिस और न्यायिक प्रणाली को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे अवैध धंधों पर रोक लगाई जा सके और समाज में कानून का शासन स्थापित हो सके।

 

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