G7 समिट में बोले पीएम मोदी: ‘भारत का चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व’
नई दिल्ली, 15 जून 2024: इटली के अपुलीया में आयोजित G7 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व नेताओं को संबोधित करते हुए भारतीय लोकतंत्र की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व है और यह विश्व के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।
पीएम मोदी का संबोधन
G7 समिट में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने भारतीय लोकतंत्र की विशेषताओं और उसकी मजबूती पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे भारत का चुनावी प्रक्रिया विश्व में अद्वितीय है और इसे लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व क्यों कहा जाता है।
पीएम मोदी ने कहा, “भारत का चुनाव न केवल हमारे देश के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। यह लोकतंत्र की उस भावना को दर्शाता है जो जनता की भागीदारी और उनकी आवाज को सर्वोपरि मानता है।”
लोकतंत्र की विशेषताएँ
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय लोकतंत्र की विशेषताओं को उजागर करते हुए बताया कि भारतीय चुनाव प्रणाली विश्व की सबसे बड़ी और सबसे जटिल चुनाव प्रणाली है। हर पांच साल में करोड़ों भारतीय नागरिक मतदान करते हैं, जो विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय चुनाव प्रक्रिया में महिलाओं, युवाओं, और समाज के हर वर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह प्रक्रिया समावेशी है और सभी को समान अवसर प्रदान करती है।
विश्व नेताओं के साथ चर्चा
पीएम मोदी ने G7 समिट के दौरान विश्व के प्रमुख नेताओं से मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, वैश्विक स्वास्थ्य, आर्थिक विकास, और तकनीकी नवाचार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी अपने विचार साझा किए।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि कैसे भारत अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ इन वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहा है और विकास की ओर अग्रसर है।
समिट का महत्व
G7 समिट विश्व के सबसे प्रमुख और विकसित देशों का एक मंच है, जहां वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श और समाधान की दिशा में काम किया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी का इस मंच पर भारतीय लोकतंत्र की विशेषताओं पर जोर देना भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का G7 समिट में यह संबोधन भारतीय लोकतंत्र की महत्ता और उसकी अद्वितीयता को दर्शाता है। ‘भारत का चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व’ के रूप में उनके इस कथन ने न केवल भारतीय नागरिकों को गर्व महसूस कराया है, बल्कि विश्व मंच पर भी भारतीय लोकतंत्र की एक सशक्त छवि प्रस्तुत की है। इस समिट के माध्यम से भारत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तत्पर है और लोकतांत्रिक मूल्यों को सर्वोपरि मानता है।