दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वाति मालीवाल कथित मारपीट मामले में बिभव कुमार की ज़मानत याचिका पर पुलिस से मांगा जवाब

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दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वाति मालीवाल कथित मारपीट मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की ज़मानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब तलब किया है। यह मामला बिभव कुमार के खिलाफ दर्ज मारपीट के आरोपों से संबंधित है, जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट में ज़मानत के लिए याचिका दायर की थी। 

 

इससे पहले, ट्रायल कोर्ट ने बिभव कुमार की दो ज़मानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। ट्रायल कोर्ट का मानना था कि बिभव कुमार की रिहाई से मामले की जांच और साक्ष्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इस फैसले के बाद बिभव कुमार ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अपनी ज़मानत के लिए याचिका दायर की।

 

हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया और मामले में उनके रुख को स्पष्ट करने के लिए कहा है। पुलिस से यह पूछा गया है कि क्यों बिभव कुमार को ज़मानत नहीं दी जानी चाहिए और क्या कारण हैं जो उनकी हिरासत को बनाए रखने के लिए पर्याप्त हैं।

 

स्वाति मालीवाल कथित मारपीट मामले ने दिल्ली की राजनीति में खलबली मचा दी है। इस मामले में आरोप है कि बिभव कुमार ने स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट की, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हुईं। इस घटना के बाद, स्वाति मालीवाल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और बिभव कुमार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।

 

इस मामले में बिभव कुमार की गिरफ्तारी के बाद, उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए सभी आरोपों को खारिज किया और कहा कि यह राजनीतिक साजिश है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है ताकि उनकी और मुख्यमंत्री केजरीवाल की छवि को धूमिल किया जा सके।

 

अब, हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई के दौरान, यह देखा जाएगा कि पुलिस अपने सबूतों और तर्कों के साथ अदालत को कैसे संतुष्ट करती है। वहीं, बिभव कुमार के वकील यह साबित करने की कोशिश करेंगे कि उनके मुवक्किल को ज़मानत मिलनी चाहिए क्योंकि वह निर्दोष हैं और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं।

 

इस मामले की सुनवाई के नतीजे दिल्ली की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। सभी की निगाहें अब हाईकोर्ट के अगले कदम पर टिकी हुई हैं, जो इस संवेदनशील मामले में महत्वपूर्ण निर्णय लेगा।

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