साउथ अफ्रीका का भारत के खिलाफ सबसे बड़ा रनचेज: मैच जिसने इतिहास बदल दिया

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नई दिल्ली, वनडे क्रिकेट में साउथ अफ्रीका हमेशा से एक दमदार रनचेजिंग टीम मानी जाती है, लेकिन भारत के खिलाफ उनका सबसे बड़ा सफल लक्ष्य पीछा एक ऐसा मुकाबला है जिसे आज भी क्रिकेट प्रेमी रोमांचित होकर याद करते हैं। यह मैच सिर्फ रिकॉर्ड्स का खेल नहीं था, बल्कि मानसिक मजबूती, प्लानिंग और आक्रामक बल्लेबाज़ी का बेहतरीन उदाहरण था।

भारत को होमग्राउंड पर 2-0 से टेस्ट सीरीज हराने वाली साउथ अफ्रीका ने टीम इंडिया को एक और झटका दे दिया। टीम ने बुधवार को रायपुर में भारत के खिलाफ 359 रन का टारगेट चेज कर लिया। यह भारत के खिलाफ सबसे बड़े रन चेज के रिकॉर्ड की बराबरी रही।

साउथ अफ्रीका ने 50वें ओवर में 4 गेंद बाकी रहते हुए 359 रन का टारगेट हासिल कर लिया। यह वनडे में भारत के खिलाफ सबसे सफल रन चेज के रिकॉर्ड की बराबरी रही। इससे पहले 2019 में ऑस्ट्रेलिया ने मोहाली के मैदान पर भी 359 रन ही चेज किए थे।

भारत और साउथ अफ्रीका ने मिलकर मैच में 720 रन बनाए। दोनों टीमों के बीच वनडे में पहली बार इतने ज्यादा रन बने। इससे पहले इसी सीरीज के पहले मुकाबले में दोनों टीमों ने मिलकर 681 रन बनाए थे।

भारत ने रायपुर में साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपना दूसरा सबसे बड़ा वनडे स्कोर बनाया। टीम ने 5 विकेट खोकर 358 रन बनाए, जो साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर रहा। इससे पहले 2010 में ग्वालियर के मैदान पर भारत 401 रन भी बना चुका है।

यह मैच भारत के वनडे इतिहास में 44वां मौका था, जब एक ही पारी में दो बल्लेबाजों ने शतक लगाए। किसी भी टीम के लिए यह सबसे ज्यादा है। इस रिकॉर्ड में दूसरी टीम साउथ अफ्रीका है, जिसके नाम ऐसे 30 मौके दर्ज हैं।

भारत की गेंदबाज़ी दबाव में

भारतीय गेंदबाजों ने शुरुआत में अच्छी लाइन-लेंथ रखी, लेकिन बीच में विकेट नहीं मिल पाने से दबाव बढ़ता गया। डेथ ओवर्स में यॉर्कर और स्लोअर डिलीवरी पर कामयाबी नहीं मिली और प्रोटियाज ने मौके का फायदा उठाया।

क्यों था यह रनचेज खास?
  •  बड़े लक्ष्य का आत्मविश्वास के साथ पीछा
  • लगातार साझेदारियाँ
  • स्पिन और पेस दोनों के खिलाफ आक्रमक रुख
  • शांत दिमाग से मैच फिनिश करने की क्षमता

यह मैच बताता है कि बड़े स्कोर का पीछा सिर्फ पावर-हिटिंग की बात नहीं है, बल्कि रणनीति, धैर्य और टीमवर्क की भी परीक्षा है।

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