राहुल ने कहा — “जात-जनगणना देश के बहुजनों के साथ खुला विश्वासघात”

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नई दिल्ली, 03 दिसंबर 2025 । हाल ही में राहुल गांधी ने जाति जनगणना (caste census) को लेकर एक तीखा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने इसे — “देश के बहुजनों के साथ खुला विश्वासघात” करार दिया है। उनकी यह टिप्पणी सामाजिक, राजनीतिक और संवैधानिक बहस की दिशा में महत्वपूर्ण सवाल खड़े करती है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जाति जनगणना मंगलवार को X पोस्ट में केंद्र सरकार के जाति जनगणना की प्लानिंग पर सवाल उठाए।

गृह मंत्रालय से राहुल के 3 सवाल

  1. दशकीय जनगणना की तैयारी में कौन-कौन से मुख्य कदम शामिल होते हैं, जैसे सवाल तैयार करना और पूरा कार्यक्रम तय करना? इन कामों की अनुमानित समयसीमा क्या होती है?
  2. क्या सरकार जनगणना के सवालों का ड्राफ्ट (प्रारूप) सार्वजनिक करने और उन पर जनता या जनप्रतिनिधियों से सुझाव लेने की योजना रखती है?
  3. क्या सरकार अलग-अलग राज्यों द्वारा कराए गए जाति सर्वेक्षण और ऐसे पिछले अनुभवों को ध्यान में रख रही है? अगर हां, तो उसी डिटेल क्या है?

राहुल गांधी की यह राय हमें याद दिलाती है कि जात-जनगणना कोई मात्र सांख्यिकीय व्यायाम नहीं — बल्कि समाज के कमजोर, बहुजन और वंचित तबकों के विश्वास, अधिकार और भविष्य से जुड़ा मसला है।
इसलिए अगर इसे करना है — तो उसे ईमानदारी, पारदर्शिता, निष्पक्षता और सामाजिक न्याय की भावना के साथ करना चाहिए। वरना, जैसा राहुल कह रहे हैं — यह “विश्वासघात” साबित हो सकता है।

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