बेंगलुरु में 29-साले इंजीनियर से ₹48 लाख की ठगी: झांसे में इलाज, खतरनाक हर्बल दवाइयाँ और हेल्थ-रिस्क

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बेंगलुरु , 25  नवम्बर 2025 । बेंगलुरु में एक हैरान-कर देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक 29-साला सॉफ़्टवेयर इंजीनियर को कथित तौर पर एक स्व-घोषित आयुर्वेदिक “गुरुजी” और एक मेडिकल दुकान द्वारा ₹48 लाख ठगे गए। यह सिर्फ आर्थिक धोखाधड़ी नहीं है — पीड़ित की सेहत भी गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।

कर्नाटक के बेंगलुरु में 29 साल के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से आयुर्वेदिक दवाओं के नाम पर 48 लाख की ठगी की गई। पीड़ित ने 22 नवंबर को ज्ञानभारती पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई, जिसके बाद मामला सामने आया है।

पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि उसे यौन स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी थी। इसके इलाज के लिए वह सड़क किनारे एक आयुर्वेदिक टेंट में इलाज के लिए गया था। वहां उसे ‘विजय गुरुजी’ नाम का एक झोलाछाप मिला। उसके कहने पर इंजीनियर ने 20 लाख में 18 ग्राम बूटी, 17 लाख में तेल सहित कई प्रोडक्ट्स खरीदे थे।

हालांकि, सभी दवाइयां लेने के बावजूद, उसे कोई सुधार नहीं हुआ। पीड़ित ने जब यह बात विजय को बताई, तो उसने दूसरी दवाइयां लेने की सलाह दी। इसके बाद पीड़ित ने मेडिकल जांच करवाई, तो उसकी किडनी में दिक्कतें सामने आईं।

पिछले 6 महीने से झोलाछाप के झांसे में था इंजीनियर

सॉफ्टवेयर इंजीनियर शिवमोग्गा जिले का मूल निवासी है और पिछले तीन सालों से एक निजी कंपनी में काम करता है। उसने पुलिस को बताया कि उसकी शादी मार्च 2023 में हुई थी। शादी के बाद कुछ महीनों में, उसे यौन समस्याएं होने लगीं।

केंगेरी के एक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में वह अपना इलाज करवा रहा था। इस साल 3 मई को अस्पताल जाते समय, उसने उल्लाल में एक लॉ कॉलेज के पास सड़क किनारे एक आयुर्वेदिक टेंट लगा देखा। वह अंदर गया, जहां उसे एक आदमी मिला। पीड़ित ने उसे अपनी समस्या बताई।

विजय के कहने पर एक-एक ग्राम बूटी 1.6 लाख में खरीदी

विजय ने इंजीनियर को यशवंतपुर स्थित विजयलक्ष्मी आयुर्वेदिक औषधि भंडार से यह औषधि खरीदने को कहा। उसने दावा किया कि यह औषधि उत्तराखंड के हरिद्वार से आती है और सिर्फ उसी दुकान पर मिलती है। उसने बताया कि एक ग्राम ‘देवराज बूटी’ की कीमत 1.6 लाख रुपए होगी।

यह मामला दिखाता है कि संकट की स्थिति में इंसान छोटी “उम्मीदों” के नाम पर कितनी बड़ी कीमत चुका सकता है। ₹48 लाख का आर्थिक नुकसान और किडनी जैसी महत्त्वपूर्ण अंगों को क्षति — यह सिर्फ पैसे की बात नहीं है, बल्कि विश्वास, स्वास्थ्य और मानव कमजोरियों का भी मामला है। पुलिस की कार्रवाई और न्याय की प्रक्रिया से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे स्कैमर्स को कड़ी सज़ा मिले और सिस्टम में सुधार हो, ताकि आम जनता सुरक्षित रह सके।

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