ट्रम्प का बड़ा दावा – “पाकिस्तान परमाणु परीक्षण कर रहा” बयान से मचा वैश्विक राजनीतिक भूचाल

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वॉशिंगटन , 03 नवम्बर 2025 । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने अपने हालिया साक्षात्कार में दावा किया कि “पाकिस्तान इस समय परमाणु परीक्षण कर रहा है”, और यह वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है। ट्रम्प के इस बयान के बाद न केवल वाशिंगटन में बल्कि दक्षिण एशिया के राजनैतिक गलियारों में भी खलबली मच गई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि पाकिस्तान परमाणु परीक्षण कर रहा है। उन्होंने यह बयान रविवार को CBS न्यूज को दिए इंटरव्यू में दिया।

ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका को फिर से परमाणु परीक्षण शुरू करने की जरूरत है। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका के पास इतने परमाणु हथियार हैं कि दुनिया को 150 बार नष्ट किया जा सकता है, लेकिन रूस और चीन की गतिविधियों के चलते टेस्ट करना जरूरी है।

जब ट्रम्प से पूछा गया कि नॉर्थ कोरिया के अलावा कोई भी परमाणु टेस्ट नहीं कर रहा तो आप क्यों कर रहे हैं? इस पर ट्रम्प ने कहा कि रूस,पाकिस्तान और चीन भी गुप्त परीक्षण कर रहे हैं, बस दुनिया को पता नहीं चलता।

ट्रम्प पहले ही रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) को परमाणु हथियारों की तुरंत टेस्टिंग शुरू करने का आदेश दे चुके हैं।

परमाणु हथियारों की टेस्टिंग से अमेरिका में 6.9 लाख मौतें

अमेरिकी सांसदों का मानना है कि अगर अमेरिका फिर से परमाणु परीक्षण नहीं करेगा तो उसका परमाणु हथियार भंडार कमजोर पड़ सकता है। लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि बिना धमाका किए भी आधुनिक तकनीक से हथियारों की स्थिति जांची और उन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है।

2017 में यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के अर्थशास्त्री कीथ मेयर्स की एक रिसर्च के मुताबिक अमेरिका में पहले हुए परमाणु परीक्षणों से निकले रेडिएशन की वजह से लगभग 6.9 लाख अमेरिकी नागरिकों की मौतें हुईं या उनके स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ा।

ट्रम्प के इस बयान से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक बार फिर यह बहस छिड़ गई है कि क्या पाकिस्तान की परमाणु नीतियों पर पर्याप्त निगरानी रखी जा रही है या नहीं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से भी इस पर कार्रवाई की मांग उठ रही है।

यह पहला मौका नहीं जब डोनाल्ड ट्रम्प ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विवादास्पद बयान दिया हो, लेकिन इस बार उनके कथन ने भू-राजनीतिक हलकों में गंभीर चिंता पैदा कर दी है। अब सबकी नजरें अमेरिकी प्रशासन और वैश्विक एजेंसियों की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।

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