तीन साल में पांचवां ICC फाइनल: साउथ अफ्रीका की निरंतरता ने तोड़ा ‘चकर्स’ का जादू

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नई दिल्ली, दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। कभी “चकर्स” यानी दबाव में टूटने वाली टीम के नाम से जानी जाने वाली यह टीम अब निरंतरता, संतुलन और दृढ़ता का पर्याय बन चुकी है। साउथ अफ्रीका अगले ICC टूर्नामेंट में अपने तीन सालों के भीतर पांचवें ICC फाइनल में उतरने जा रही है — यह उपलब्धि अपने आप में टीम की मजबूती और आत्मविश्वास की गवाही देती है।

लगातार फाइनल्स का सफर

बीते तीन वर्षों में दक्षिण अफ्रीका ने हर प्रारूप में अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज कराई है —

  1. 2022 T20 वर्ल्ड कप (महिला टीम फाइनल तक पहुँची)

  2. 2023 ODI वर्ल्ड कप (सेमीफाइनल तक बेहतरीन प्रदर्शन)

  3. 2024 T20 वर्ल्ड कप (पुरुष) – फाइनल में जगह बनाकर नया इतिहास रचा

  4. 2025 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल – टीम के शानदार टेस्ट प्रदर्शन का परिणाम

  5. 2025 चैंपियंस ट्रॉफी / नया ICC टूर्नामेंट – फाइनल में पहुँचकर तीन साल में पांचवां मौका हासिल किया

यह निरंतरता दिखाती है कि साउथ अफ्रीका अब किसी एक टूर्नामेंट की टीम नहीं रही, बल्कि हर प्रारूप में अपनी ठोस पहचान बना चुकी है।

क्रिकेट की दुनिया में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बाद पिछले 3 साल में किसी टीम ने दबदबा दिखाया है तो वह साउथ अफ्रीका है। इंटरनेशनल लेवल पर देश की मेंस और विमेंस टीमें 7 में से 5 ICC टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच चुकी हैं। इतना ही नहीं, मेंस टीम ने तो इसी साल वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल जीतकर सालों पुराना चोकर्स का दाग भी धो लिया।

2 नवंबर को अब विमेंस वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका का सामना होम टीम भारत से होगा। दोनों ही टीमें कभी वर्ल्ड कप नहीं जीत सकी, लेकिन इंडिया विमेंस ने 5 साल पहले आखिरी ICC फाइनल खेला था। दूसरी ओर, साउथ अफ्रीका विमेंस ICC टूर्नामेंट में लगातार तीसरा फाइनल खेलने वाली है।

2015 का वनडे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल न्यूजीलैंड से हारने के बाद साउथ अफ्रीका टीम बेहद बुरे दौर से गुजरी। जुलाई 2023 तक 7 ICC टूर्नामेंट हुए और टीम इनमें किसी के फाइनल तो दूर, सेमीफाइनल राउंड में भी एंट्री नहीं कर सकी। 2022 के टी-20 वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका के पास नॉकआउट राउंड में पहुंचने का सुनहरा मौका था।

ग्रुप-2 में टीम ने बांग्लादेश और भारत को हरा दिया। जिम्बाब्वे के खिलाफ मुकाबला बेनतीजा रहा। नॉकआउट में पहुंचने के लिए टीम को पाकिस्तान और नीदरलैंड के खिलाफ आखिरी 2 में से कोई एक ही मैच जीतना था। पाकिस्तान से तो टीम हार गई, लेकिन नीदरलैंड को पहली पारी में 158 रन ही बनाने दिया।

साउथ अफ्रीका ने 12 ओवर तक 3 ही विकेट खोकर 87 रन बना लिए थे। 8 ओवर में 72 रन की जरूरत थी और 7 विकेट बाकी थे। यहां से टीम ने 5 विकेट गंवा दिए और 20 ओवर में 145 रन के स्कोर तक ही पहुंच सकी। नीदरलैंड ने 13 रन से मैच जीता और साउथ अफ्रीका को वर्ल्ड कप से बाहर कर दिया। आगामी फाइनल साउथ अफ्रीका के लिए सिर्फ एक और खिताबी मौका नहीं, बल्कि वर्षों की मेहनत और आत्मविश्वास का प्रतिफल होगा। यदि टीम इस बार भी अपने प्रदर्शन को बनाए रखती है, तो यह दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत साबित होगी।

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