OLA-UBER जैसी पहली सरकारी कैब सेवा ‘भारत टैक्सी’ की शुरुआत — सुरक्षित, सस्ती और स्वदेशी राइड का नया युग

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नई दिल्ली, 24 अक्टूबर 2025 । भारत सरकार ने शहरी परिवहन क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश की पहली सरकारी कैब सेवा ‘भारत टैक्सी’ की शुरुआत की है। यह सेवा निजी ऐप-आधारित कंपनियों Ola और Uber जैसी सुविधाएँ प्रदान करेगी, लेकिन पूरी तरह सरकारी निगरानी और नियंत्रण में चलेगी। इसका उद्देश्य यात्रियों को सुरक्षित, सस्ती और भरोसेमंद टैक्सी सुविधा उपलब्ध कराना है, साथ ही ड्राइवरों को बेहतर आय और सामाजिक सुरक्षा देना।

देश में पहली सहकारी टैक्सी सेवा दिसंबर से शुरू हो रही है। इसे ‘भारत टैक्सी’ नाम दिया है। 650 ड्राइवरों के साथ इसका पायलट प्रोजेक्ट सबसे पहले नवंबर में दिल्ली से शुरू होगा।

इसके बाद अगले महीने से देश के बाकी राज्यों में इसका विस्तार होगा। तब तक इससे 5 हजार ड्राइवर और महिला ‘सारथी’ इससे जुड़ जाएंगी।

अभी ओला-उबर जैसी निजी कंपनियां टैक्सी सर्विस दे रही हैं, लेकिन कई बार इनमें सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं। इसलिए केंद्र सरकार खुद की निगरानी वाली टैक्सी सर्विस ला रही है।

भारत टैक्सी पहला राष्ट्रीय सहकारी राइड हेलिंग प्लेटफार्म है, जिसे सहकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन ने तैयार किया है। इसमें ड्राइवर भी सह-मालिक होंगे। इसके लिए सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड के साथ बीते दिनों एमओयू हो चुका है।

भारत टैक्सी को कौन चलाएगा

  • यह सदस्यता आधारित मॉडल है, जिसे सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड चलाएगा। इसकी स्थापना जून में ₹300 करोड़ की रकम के साथ हुई।
  • एप आधारित यह सेवा डिजिटल इंडिया का हिस्सा है। इसकी एक संचालन परिषद होगी, जिसमें अमूल के एमडी जयेन मेहता चेयरमैन और एनसीडीसी के उप प्रबंधक निदेशक रोहित गुप्ता वाइस चेयरमैन हैं।
  • इसके अलावा 8 अन्य सदस्य भी हैं, जो देश की विभिन्न सहकारी समितियों से जुड़े हैं। इस बोर्ड की पहली बैठक 16 अक्टूबर को हो चुकी है।
ओला-उबर से कितनी अलग और फायदेमंद होगी भारत टैक्सी?
पहलू ओला-उबर भारत टैक्सी
मालिकाना हक निजी कॉर्पोरेट सहकारी सोसाइटी, ड्राइवर सह-मालिक
कमीशन 20-25% प्रति राइड 0% कमीशन, सदस्यता शुल्क
प्राइसिंग डायनामिक, पीक में महंगा स्थिर, पारदर्शी दरें
इंसेंटिव कंपनी टारगेट आधारित सहकारी बोनस, लाभांश
सुरक्षा एप फीचर्स पुलिस थानों से इंटीग्रेशन, डिस्ट्रेस बटन
विस्तार बाजार आधारित सहकारी ग्रामीण फोकस
नोट: प्रति किलोमीटर का चार्ज कितना होगा, यह फिलहाल तय किया जा रहा है।

4 सवाल-जवाब में भारत टैक्सी के फायदे समझिए…

इसकी सर्विस कैसे ले सकेंगे? भारत टैक्सी का एप ओला-उबर जैसा होगा, जो नवंबर में एप स्टोर्स से डाउनलोड कर सकेंगे। एप हिंदी, गुजराती, मराठी और अंग्रेजी में होगा।

ड्राइवरों को क्या फायदा होगा? हर राइड की 100% कमाई ड्राइवर को मिलेगी। उसे सिर्फ दैनिक, साप्ताहिक या मासिक शुल्क देना होगा, जो कि बहुत ही सामान्य रहेगा।

महिला सारथी की क्या भूमिका रहेगी? यानी महिला ड्राइवर्स। पहले चरण में 100 महिलाएं जुड़ेंगी। 2030 तक इनकी संख्या 15 हजार करेंगे। 15 नवंबर से मुफ्त प्रशिक्षण, विशेष बीमा मिलेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल न केवल निजी टैक्सी सेवाओं की एकाधिकार प्रवृत्ति को तोड़ेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी खोलेगी। अनुमान है कि पहले वर्ष में ही 1 लाख से अधिक ड्राइवर इस सरकारी नेटवर्क से जुड़ेंगे।

‘भारत टैक्सी’ का लक्ष्य है — “जनता के लिए, जनता के द्वारा, जनता की टैक्सी”। यह पहल आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और सशक्त कदम है, जो देश के परिवहन क्षेत्र में पारदर्शिता, स्वदेशी तकनीक और सामाजिक जिम्मेदारी का नया अध्याय लिखेगी।

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