भारत बनाएगा अमेरिका-रूस-इज़राइल जैसी स्पेशल फोर्स

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नई दिल्ली, । 08 सितम्बर 2025 ।  सैन्य बलों की एलीट कमांडो फोर्स का संयुक्त युद्ध सिद्धांत बनाया गया है। यह साझा दस्तावेज सेना की स्पेशल फोर्स, वायु सेना की गरुड़ कमांडो फोर्स और नौसेना के मार्कोस कमांडो के लिए बनाया गया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई इस कवायद में तीनों सेनाओं की एलीट फोर्स की तैयारी का हर पहलू स्पष्ट किया गया है।

मसलन, अगर किसी देश या उसकी शह में पलने वाले आतंकी, भारत विरोधी कार्रवाई करते हैं तो उनके खिलाफ क्या होगा? यही नहीं, युद्ध होने पर ये कमांडो क्या करेंगे और शांतिकाल में भूमिका क्या होगी, यह भी स्पष्ट किया गया है।

इसका मकसद, दुश्मन के सामरिक महत्व के टारगेट्स को भीतर घुसकर वार करने की क्षमता विकसित करना है। साथ ही, दुश्मन के उन कीमती ठिकानों पर हमला बोलने की रणनीति बनी है, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा जाए और उसका युद्ध छेड़ने का हौसला भी टूट जाए।

अमेरिका की डेल्टा फोर्स और नेवी सील्स, स्पेत्सनाज और इजराइल की सयरेट मतकाल दुनिया की सबसे खतरनाक स्पेशल फोर्सेज हैं। इनके ऑपरेशन दुश्मन के घर में घुसकर सटीक वार के लिए मशहूर हैं।

थल, जल और नभ में ताकत

  • थल सेना: 9 बटालियन पैरा स्पेशल फोर्स। सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक, बंधक मुक्ति में दक्ष।
  • नौसेना: मार्कोस मरीन कमांडो। समुद्री युद्ध, अंडरवॉटर सबोटेज और तटीय सुरक्षा में माहिर।
  • वायुसेना: गरुड़ का गठन 2004 में। एयरबेस सुरक्षा, एयरबॉर्न स्ट्राइक, दुश्मन के एयरफील्ड पर हमला और सर्च-एंड-रेस्क्यू में विशेषज्ञ। एयर वारफेयर के मास्टर।

क्यों जरूरी है स्पेशल फोर्स?

भारत भौगोलिक, राजनीतिक और सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील स्थिति में है।

  • सीमाई चुनौतियाँ: पाकिस्तान और चीन के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद।

  • आतंरिक सुरक्षा: जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व में आतंकवाद और उग्रवाद की समस्या।

  • वैश्विक जिम्मेदारी: भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय भूमिका, जिसमें शांति मिशन और रणनीतिक साझेदारी शामिल हैं।

ऐसे परिदृश्य में एक उच्च प्रशिक्षित, तकनीक-समृद्ध और तेज़-तर्रार स्पेशल फोर्स का गठन बेहद आवश्यक माना जा रहा है।

कैसी होगी यह स्पेशल फोर्स?

  1. आधुनिक प्रशिक्षण: सैनिकों को अमेरिका की “नेवी सील्स”, रूस की “स्पेत्सनाज़” और इज़राइल की “सायरत मतकल” जैसी यूनिट्स के पैमाने पर प्रशिक्षित किया जाएगा।

  2. अत्याधुनिक हथियार और उपकरण: नाइट विजन, ड्रोन, सैटेलाइट सपोर्ट, स्मार्ट गन और बुलेटप्रूफ गियर से लैस।

  3. विशेष अभियानों की क्षमता:

    • बंधक मुक्त कराने के अभियान

    • आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन

    • दुश्मन के इलाके में गुप्त मिशन

    • साइबर और सूचना युद्ध में दक्षता

  4. तेज़ तैनाती क्षमता: किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने की क्षमता।

भारत की प्रस्तावित स्पेशल फोर्स देश की सुरक्षा व्यवस्था में एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम साबित होगी। अमेरिका, रूस और इज़राइल जैसी सेनाओं से प्रेरणा लेकर तैयार की जा रही यह यूनिट आतंकवाद और किसी भी आपात स्थिति में भारत की सबसे बड़ी ताकत बनेगी। इससे न केवल देश की सीमाएं और आंतरिक सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत की सैन्य क्षमता का लोहा माना जाएगा।

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