राष्ट्रीय सुरक्षा पर ओवैसी का सख्त संदेश, कहा—देश के खिलाफ जाने वालों के लिए कोई जगह नहीं

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नई दिल्ली, 24  नवम्बर 2025 । AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने देश की सुरक्षा और आंतरिक हालात को लेकर एक बड़ा बयान देते हुए कहा, “जो देश का दुश्मन है, वो हमारा भी दुश्मन है।” उनका यह बयान राजनीतिक हलकों में तेजी से चर्चा का विषय बन गया है। आमतौर पर अपनी तीखी और विपक्षी बयानबाज़ी के लिए पहचाने जाने वाले ओवैसी ने इस बार एक स्पष्ट राष्ट्रीय सुरक्षा-केंद्रित रुख दिखाया है।

यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में सीमा सुरक्षा, आतंकी गतिविधियों, और आंतरिक अराजक तत्वों पर सख्ती को लेकर बहस तेज है। ओवैसी ने अपने भाषण में साफ कहा कि देश की एकता, अखंडता और नागरिकों की सुरक्षा से ऊपर कोई राजनीति नहीं हो सकती। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी समुदाय या विचारधारा का व्यक्ति यदि देश के खिलाफ जाता है, तो उसे कानून के दायरे में कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।

ओवैसी ने आगे यह संदेश भी दिया कि देश से बड़ा कोई नेता, संगठन या समूह नहीं होता। चाहे वह आतंकी गतिविधि हो, नफरत फैलाने की कोशिश हो या विदेशी एजेंटों का समर्थन—ऐसी हर गतिविधि राष्ट्रविरोधी और अस्वीकार्य है। उन्होंने युवाओं से भी अपील की कि वे किसी भी कट्टरपंथी या बहकाने वाली विचारधारा से दूर रहें और देश की शांति और विकास के लिए काम करें।

विशेषज्ञों के अनुसार, ओवैसी का यह बयान उनकी बदलती राजनीतिक रणनीति का संकेत भी हो सकता है, जिसमें वे राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी साफ और सख्त स्थिति दिखाना चाहते हैं। उनके समर्थकों में इस बयान को सकारात्मक रूप से देखा गया, जबकि विरोधियों ने इसे राजनीतिक अवसरवाद बताया।

परंतु इतना स्पष्ट है कि ओवैसी ने यह संदेश देकर एक बात साफ कर दी है—राष्ट्र हित सर्वोपरि, और देश के खिलाफ खड़े किसी भी तत्व को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

ओवैसी बोले- अयोध्या पर फैसला खिलाफ था, लेकिन जज पर जूता नहीं फेंका

ओवैसी ने अपने भाषण में पिछले महीने हुई एक घटना का भी जिक्र किया, जब एक वकील ने तत्कालीन CJI बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा- अयोध्या पर फैसला हमारे खिलाफ था, लेकिन क्या कोई मुसलमान कोर्ट में जाकर जज पर जूता फेंकता है? बहुसंख्यक समुदाय से होने के कारण उस वकील पर कोई सवाल नहीं उठाता।

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