वॉशिंगटन, 22 नवम्बर 2025 । अमेरिका की राजनीति में अचानक बढ़ी हलचलों के बीच भारतीय मूल के प्रोफेसर और राजनीतिक विश्लेषक मेहरूद ममदानी खुद को मीडिया के केंद्र में पाते दिखे। हाल ही में ट्रम्प के साथ उनकी सार्वजनिक उपस्थिति ने कई सवाल खड़े किए। इसी क्रम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया ने ममदानी से सीधा सवाल किया—“क्या आप डोनाल्ड ट्रम्प को तानाशाह मानते हैं?”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और न्यूयॉर्क सिटी के नव-निर्वाचित मेयर जोहरान ममदानी की शुक्रवार को व्हाइट हाउस में पहली मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने बैठक के बाद मीडिया से भी बात की।
मीडिया ने ममदानी से पूछा कि क्या वे अभी भी ट्रम्प को फासिस्ट (तानाशाह) मानते हैं। इस पर ट्रम्प ने कहा- “कोई बात नहीं, हां कह दो। यह समझाने से आसान है। मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता।”
रिपोर्टर ने पूछा कि ममदानी कार्बन उत्सर्जन पर सवाल उठाते रहे हैं, फिर वह वॉशिंगटन हवाई जहाज में क्यों आये? इस पर ट्रम्प ने कहा कि ममदानी बहुत मेहनत करते हैं और उनका यहां आना जरूरी था, इसमें कुछ गलत नहीं है।
यह मोमेंट इसलिए खास था क्योंकि न्यूयॉर्क मेयर इलेक्शन के दौरान दोनों ने एक दूसरे को लेकर काफी तल्ख बयानबाजी की थी। ट्रम्प ने ममदानी को ‘कम्युनिस्ट पागल’ और ‘जिहादी’ कहा था, वहीं ममदानी ने ट्रम्प को ‘तानाशाह’ और ‘फासिस्ट’ बताया था।
अब ममदानी को जिहादी नहीं मानते ट्रम्प
एक पत्रकार ने ट्रम्प से पूछा कि रिपब्लिकन नेता एलिस स्टेफनिक ने ममदानी को ‘जिहादी’ कहा है, क्या ट्रम्प भी यही मानते हैं?
इस पर ट्रम्प ने बिना हिचकिचाहट कहा- नहीं, मैं ऐसा नहीं मानता।
ट्रम्प ने आगे कहा कि मुलाकात के दौरान उन्हें ममदानी एक शांत, समझदार और तार्किक इंसान लगे। उन्होंने कहा- मैं एक ऐसे इंसान से मिला हूं जो बहुत ही समझदारी से बात करता है।
ममदानी पर उठे प्रश्न और उनका संतुलित उत्तर इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में अमेरिकी राजनीति केवल भावनात्मक नारों पर नहीं, बल्कि संस्थागत मजबूती, गंभीर विश्लेषण और नीतिगत विमर्श पर आधारित बहसों से तय होगी।
ट्रम्प को तानाशाह कहना या न कहना अब एक राजनीतिक कथन से ज्यादा, लोकतंत्र की समझ का प्रश्न बन चुका है—और ममदानी ने इसे उसी बुद्धिमत्ता के साथ संभाला।