नई दिल्ली, 22 नवम्बर 2025 । ऊर्जा बाज़ार में एक अहम मोड़ तब आया जब रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह रूसी क्रूड ऑयल से बने पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात नहीं करेगी। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अंतरराष्ट्रीय राजनीति, व्यापारिक प्रतिबंधों और वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला में लगातार बदलाव हो रहे हैं। कंपनी के इस निर्णय के कई आर्थिक, रणनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव होंगे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने जामनगर की एक्सपोर्ट ओनली (SEZ) रिफाइनरी में रूसी क्रूड का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर दिया है। कंपनी ने कहा कि 20 नवंबर से रूसी क्रूड का इंपोर्ट SEZ यूनिट में रोका गया है। 1 दिसंबर से यहां से होने वाला सारा फ्यूल एक्सपोर्ट नॉन-रशियन क्रूड से बनेगा।
हालांकि रिलायंस घरेलू उपयोग के लिए रूस के क्रूड ऑयल का इस्तेमाल करती रहेगी। कंपनी ने यह फैसला यूरोपीय यूनियन के सैंक्शन का पालन करने के लिए लिया है। जनवरी 2026 से रशियन क्रूड से बने कोई भी प्रोडक्ट्स यूरोपीय यूनियन में नहीं बेचे जा सकेंगे
एक्सपोर्ट करने वाली रिफाइनरी में रूसी तेल बंद होगा
रिलायंस की जामनगर कॉम्प्लेक्स में दो रिफाइनरी हैं। एक SEZ यूनिट जो सिर्फ एक्सपोर्ट करती है और दूसरी पुरानी यूनिट जो घरेलू मार्केट सप्लाई करती है। कंपनी ने कहा कि SEZ यूनिट में अभी पुराना रशियन क्रूड इन्वेंट्री प्रोसेस हो रहा है। जैसे ही वह खत्म होगा, नया प्रोडक्शन सिर्फ नॉन-रशियन क्रूड से होगा।
घरेलू इस्तेमाल के लिए रशियन ऑयल यूज होगा रिलायंस के स्पोक्सपर्सन ने कहा, “20 नवंबर से SEZ रिफाइनरी में रशियन क्रूड का इंपोर्ट बंद कर दिया है। 1 दिसंबर से यहां से होने वाला सारा प्रोडक्ट एक्सपोर्ट नॉन-रशियन क्रूड से बनेगा। उन्होंने बताया कि 22 अक्टूबर तक के कमिटेड रशियन क्रूड कार्गो को ऑनर किया जा रहा है।
आखिरी कार्गो 12 नवंबर को लोड हुआ था। 20 नवंबर या उसके बाद आने वाले रशियन कार्गो को घरेलू टैरिफ एरिया (DTA) रिफाइनरी में प्रोसेस किया जाएगा। रिलायंस का रूसी क्रूड से बने उत्पादों का निर्यात बंद करना एक रणनीतिक और दूरदर्शी कदम माना जा रहा है।
यह निर्णय कंपनी की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं, अनुपालन, सप्लाई चेन सुरक्षा और दीर्घकालिक कॉर्पोरेट रणनीति को दर्शाता है।
आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी अपने आयात विकल्पों और निर्यात रणनीति को किस दिशा में विकसित करती है।