अमेरिका भारत को 100 टैंक-किलर मिसाइल देगा — रक्षा साझेदारी में नया शक्ति-परिचय
नई दिल्ली, 20 नवम्बर 2025 । अमेरिका और भारत के बीच रक्षा क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) ने अमेरिका की तरफ से भारत को 100 FGM-148 जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइलें, 25 लाइटवेट कमांड लॉन्च यूनिट्स, और 216 Excalibur गाइडेड तोप के गोले भेजने की मंजूरी दे दी है। यह सौदा लगभग 93 मिलियन डॉलर (करीब) का है।
अमेरिका भारत को 100 जेवलिन मिसाइल सिस्टम (FGM-148) और 216 एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल स्मार्ट तोपगोला (M982A1) बेचेगा। इनके लिए दोनों देशों के बीच में 92.8 मिलियन डॉलर (करीब 775 करोड़ रुपए) की डील हुई है।
अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) ने बुधवार को बताया कि इस बिक्री के लिए जरूरी मंजूरी और डिटेल्स अमेरिकी संसद कांग्रेस को भेज दी गई है। DSCA ने कहा- हथियार भारत को मौजूदा और भविष्य के खतरों से निपटने में मदद करेंगे।
FGM-148 जेवलिन एक पोर्टेबल एंटी-टैंक मिसाइल है। इसे टैंकों, बख्तरबंद वाहनों, बंकरों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है। मिसाइल टारगेट की गर्मी (हीट सिग्नेचर) पहचानकर उसपर हमला करती है। इसकी 2500 मीटर रेंज है। धुएं, धूल या खराब मौसम में भी टारगेट को तबाह करने में सक्षम है।
M982A1 GPS-गाइडेड स्मार्ट गोला है। यह स्मार्ट बम की तरह काम करता है, लेकिन तोप से छोड़ा जाता है। सामान्य तोप रेंज 15-20 km तक होती है, लेकिन एक्सकैलिबर 40-50 किलोमीटर दूर तक सटीक निशाना लगा सकता है।
DSCA बोला- हथियारों से भारत की रक्षा क्षमता मजबूत होगी
डील को मंजूरी देते हुए DSCA ने कहा कि यह बिक्री भारत जैसे महत्वपूर्ण रक्षा साझेदार की सुरक्षा को और मजबूत करेगी। इससे भारत की वर्तमान और भविष्य की खतरों से निपटने की क्षमता बढ़ेगी।
साथ ही बताया कि हथियार भारत की होमलैंड सिक्योरिटी को मजबूत करेगी और क्षेत्रीय खतरों को रोकने में मदद करेगी। भारत के लिए इन उपकरणों को अपनी सेना में शामिल करना आसान होगा। इससे दक्षिण एशिया और इंडो-पैसिफिक एरिया में सैन्य संतुलन नहीं बदलेगा। अमेरिकी रक्षा तैयारियों पर इसका कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।