नई दिल्ली, 20 नवम्बर 2025 । सोने के दामों में एक बार फिर तेज़ गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार के व्यापार में सोना ₹1,003 टूटकर ₹1,23,000 प्रति 10 ग्राम पर आ गया। इस गिरावट ने घरेलू निवेशकों और ज्वेलर्स दोनों का ध्यान आकर्षित किया है। पिछले कुछ हफ्तों से सोने की कीमतों में अस्थिरता बनी हुई है और इस गिरावट को वैश्विक आर्थिक संकेतों एवं घरेलू मांग में कमी का सीधा असर माना जा रहा है।
सोना-चांदी के दाम में आज यानी 20 नवंबर को गिरावट है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 10 ग्राम सोना 1,003 रुपए गिरकर 1,22,881 रुपए पर आ गया है। इससे पहले सोने की कीमत 1,23,884 रुपए प्रति 10 ग्राम थी।
चांदी 2,280 रुपए गिरकर 1,55,840 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है। इससे पहले इसकी कीमत 1,58,120 प्रति किलोग्राम थी। 17 अक्टूबर को सोने ने 1,30,874 रुपए और 14 अक्टूबर को चांदी ने 1,78,100 रुपए का ऑल टाइम हाई बनाया था।
IBJA की सोने की कीमतों में 3% GST, मेकिंग चार्ज और ज्वेलर्स मार्जिन शामिल नहीं होता इसलिए शहरों के रेट्स इससे अलग होते हैं। इन रेट्स का इस्तेमाल RBI सोवरेन गोल्ड बॉन्ड के रेट तय करने के लिए करता है। कई बैंक गोल्ड लोन के रेट तय करने के लिए इसे इस्तेमाल करते हैं। इस महीने
इस साल सोना ₹46,719 और चांदी ₹69,823 महंगी हुई
- इस साल अब तक सोने की कीमत 47,722 रुपए बढ़ी है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था, जो अब 1,22,881 रुपए हो गया है।
- चांदी का भाव भी इस दौरान 69,823 रुपए बढ़ गया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 1,55,840 रुपए प्रति किलो हो गई है।
सोने के दाम में उतार-चढ़ाव की उम्मीद एक्सपर्ट्स के अनुसार आने वाले दिनों में सोने के दामों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। हालांकि शादियों का सीजन चालू हो चुका है इससे सोने को सपोर्ट मिलेगा। इससे आने वाले दिनों में इसकी कीमत फिर एक बार 1.25 लाख रुपए तक जा सकती है।
सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह से हो सकता है- AZ4524। हॉलमार्किंग से पता चलता है कि सोना कितने कैरेट का है।
सोने के ₹1,003 गिरकर ₹1.23 लाख प्रति 10 ग्राम पर आने से यह साफ संदेश जाता है कि बाजार अभी वैश्विक परिस्थितियों के अधीन है।
निवेशकों को सतर्क रहकर आगे की आर्थिक घोषणाओं और अंतरराष्ट्रीय संकेतों पर नजर बनाए रखनी होगी।
गिरावट अल्पकालिक चिंता हो सकती है, लेकिन लंबे समय में सोना अब भी स्थिर निवेश की श्रेणी में माना जाता है।