वॉशिंगटन, 17 नवम्बर 2025 । अमेरिकी रक्षा विभाग ने हाल ही में समुद्र में संदिग्ध ड्रग-तस्करी कर रही एक नाव पर हवाई हमले की घोषणा की है, जिसे उन्होंने “नार्को-तस्करी नेटवर्क” का हिस्सा बताया है। यह कार्रवाई अमेरिकी प्रशासन की ड्रग्स के अंतरराष्ट्रीय ट्रैफिक को रोकने की एक कड़ी रणनीति का हिस्सा है, लेकिन इस कदम पर कई कानूनी और मानवाधिकार वाद उठें हैं।
अमेरिका ने शनिवार को पूर्वी प्रशांत महासागर में एक ड्रग तस्करी करने वाली नाव पर हवाई हमला किया, जिसमें तीन लोग मारे गए। अमेरिकी सेना ने रविवार को यह जानकारी दी।
यह सितंबर की शुरुआत से अब तक अमेरिकी सेना का ड्रग नावों पर किया गया 21वां हमला है। आंकड़ों के अनुसार, इन हमलों में अब तक 83 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के मुताबिक ये हमले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के आदेश पर हो रहे हैं।
ट्रम्प प्रशासन ने इन हमलों को अमेरिका में ड्रग्स सप्लाई रोकने के लिए जरूरी कदम बताया। न्याय विभाग ने इन हमलों को सही ठहराया है और कहा गया है कि इन ऑपरेशनों में शामिल अमेरिकी सैनिकों को मुकदमा चलाने से छूट मिलेगी।
अमेरिकी सेना ने हमले का वीडियो जारी किया
अमेरिकी दक्षिणी कमान ने रविवार को हमले का वीडियो भी सोशल मीडिया X पर जारी किया। वीडियो में विस्फोट दिख रहा है, जिससे नाव के परखच्चे उड़ गए।
हमले के तुरंत बाद बोट में आग लग गई। मारे गए लोगों की राष्ट्रीयता या पहचान की जानकारी नहीं दी गई।
ट्रम्प बोले- ड्रग तस्करी करने वाले पर स्ट्राइक की
इससे पहले ट्रम्प ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था, ‘मेरे आदेश पर अमेरिकी सेना ने ड्रग तस्करी करने वाले कार्टेल और नार्को टेररिस्ट पर स्ट्राइक की। ये लोग वेनेजुएला से नशीले पदार्थ अमेरिका की ओर ले जा रहे थे।’
अमेरिकी हवाई हमले उन नावों को निशाना बना रहे हैं जिन्हें वह ड्रग तस्करी के नेटवर्क से जोड़ता है। यह एक क्रांतिकारी, लेकिन विवादास्पद रणनीति है: जहां अमेरिका ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय पैठ को रोकने की कोशिश कर रहा है, वहीं उसकी विधिक वैधता, पारदर्शिता और मानवीय कीमत पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। इस कदम का भविष्य न सिर्फ ड्रग-विरोधी युद्ध पर, बल्कि क्षेत्रीय संबंधों और अंतरराष्ट्रीय अधिकारों पर भी गहरा असर डाल सकता है।