आर्मी चीफ का सख़्त संदेश — “ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ 88-घंटे का ट्रेलर था”

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नई दिल्ली, 17 नवम्बर 2025 । भारतीय सेना के प्रमुख, जनरल उपेंद्र द्विवेदी, ने हाल ही में एक बहुत तीखा बयान देते हुए कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर दरअसल एक “88-घंटे का ट्रेलर” था — और यह पूरी फिल्म अभी बाकी है। यह टिप्पणी पाकिस्तान को एक स्पष्ट चेतावनी के रूप में देखी जा रही है।

आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पिछले अक्टूबर से भारत और चीन के संबंधों में सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हालिया बैठकों में सामान्य स्थिति बहाल करने और विवादों के समाधान पर सकारात्मक चर्चा हुई है।

जनरल द्विवेदी ने कहा कि 21 अक्टूबर 2024 को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हुआ समझौता भारत के लिए फायदेमंद रहा। इस समझौते में सीमा पर गश्त को लेकर बातचीत हुई है।

दोनों नेताओं ने कहा कि भारत और चीन विकास साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं और यह भी कि मतभेद विवाद में नहीं बदलने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर राजनीतिक दिशाएं स्पष्ट हों, तो उससे सभी को लाभ होता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जून 2024 में चीनी समकक्ष से कहा कि यह तय करने का समय है कि बर्फ पिघलनी चाहिए या नहीं। रक्षा मंत्रियों ने भी सीमाओं पर बातचीत और समाधान पर सहमति जताई है।

आर्मी चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि फिल्म तो शुरू भी नहीं हुई थी, बस 88 घंटे का ट्रेलर दिखा था। अगर पाकिस्तान फिर मौका देता है तो हम उन्हें बताने में पीछे नहीं हटेंगे कि जिम्मेदार देश पड़ोसियों से कैसे पेश आते हैं।

आर्मी चीफ की 6 बड़ी बातें…

1. डिप्लोमेसी में सेना की भूमिका अहम- विदेश मंत्री एस जयशंकर पिछले साल अक्टूबर में सेना कमांडरों को संबोधित कर चुके हैं और उन्होंने साफ कहा था कि डिफेंस डिप्लोमेसी में भारतीय सेना की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें सीखने के साथ बहुत योगदान देने की भी जरूरत है।

2. भारत-चीन संबंधों में बड़ा बदलाव आया- अक्टूबर 2024 से अब तक भारत-चीन संबंधों में बड़ा बदलाव आया है। दोनों देशों ने समझा कि सामान्य स्थिति बहाल करना ही फायदेमंद है। 21 अक्टूबर 2024 को पूर्वी लद्दाख में हुए समझौते से दोनों पक्षों को बड़ा लाभ मिला।

3. लोग जम्मू-कश्मीर आना चाह रहे- आज आम नागरिक पूरे भारत में घूमना चाहते हैं और बाहर के लोग भी जम्मू-कश्मीर आना चाह रहे हैं। जो लोग हालात खराब होने पर घाटी छोड़कर चले गए थे, वे अब लौटकर योगदान देना चाहते हैं।

4. सेना बड़े बदलावों पर काम कर रही- सेना तेजी से बदलाव और सुधार की दिशा में काम कर रही है। रक्षा मंत्री ने इस साल को ‘ईयर ऑफ रिफॉर्म’ घोषित किया था, जबकि सेना पहले से ही ‘डिकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन’ यानी 10 साल के बड़े बदलावों पर काम कर रही है।

5. आधुनिक युद्ध का चेहरा बदल रहा है- युद्ध अब केवल जमीन, समुद्र और हवा तक सीमित नहीं है। आज युद्ध में साइबर, स्पेस, इंफॉर्मेशन वॉरफेयर, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम और कॉग्निटिव वॉरफेयर जैसे नए मोर्चे जुड़ गए हैं। इस वजह से थिएटर कमांड का ढांचा भी 2-फ्रंट बॉर्डर और आंतरिक चुनौतियों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है।

6. रक्षा बजट में बढ़ोतरी, फंड की कोई कमी नहीं- पद संभालने के बाद मैंने देश के शीर्ष नेताओं से बात की, और सभी ने भरोसा दिलाया कि बजट की चिंता न करें। 2024-25 में रक्षा खरीद के लिए ₹22,000 करोड़ मिले थे, लेकिन इसे बढ़ाकर ₹28,000-₹39,000 करोड़ कर दिया गया।

जनरल द्विवेदी का यह बयान “ऑपरेशन सिंदूर” को एक सीमित घटना से बढ़कर एक डिटेरेंस स्ट्रेटेजी (नियंत्रक रणनीति) के हिस्से के रूप में प्रस्तुत करता है। 88-घंटे वाला ट्रेलर भारत की सैन्य तैयारियों और आतंक-विरोधी क्षमता का संकेत है, और उनकी यह चेतावनी साफ है — अगर पाकिस्तान दोबारा सीमा पार या आतंकवाद को प्रायोजित करेगा, तो भारत उसकी कड़ी और निर्णायक भाषा में प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है।

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