बांग्लादेश में हसीना समर्थकों का देशभर में जोरदार प्रदर्शन—राजनीतिक तनाव चरम पर

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ढाका, 15 नवम्बर 2025 । बांग्लादेश में राजनीतिक माहौल एक बार फिर गरमाता हुआ दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री शेख हसीना पर फैसले से पहले देशभर में उनके समर्थकों ने जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। ढाका, चिटगांव, सिलहट, राजशाही और खुलना जैसे बड़े शहरों में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और सरकार के समर्थन में रैलियाँ निकालीं। इन प्रदर्शनों का उद्देश्य यह संदेश देना है कि हसीना के नेतृत्व को जनता का मजबूत समर्थन प्राप्त है और वे राजनीतिक अस्थिरता नहीं चाहते।

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में पिछले 3 दिन से जारी आगजनी और हिंसा की घटनाओं के बाद सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों ने ढाका समेत पांच जिलों में हाईवे जाम कर रखा है।

सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) की 12 अतिरिक्त टुकड़ियां शहर में तैनात की हैं, जो लगातार गश्त कर रही हैं।

BGB मुख्यालय के मुताबिक राजधानी के प्रमुख इलाकों में पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती बढ़ाई गई है। यहां हाल के दिनों में वाहनों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई थीं।

इससे पहले भी बांग्लादेश सरकार ढाका और आसपास के जिलों में BGB की 14 टुकड़ियां तैनात कर चुकी है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे और किसी तरह की अराजकता न फैले

हसीना समर्थकों ने प्रदर्शन तेज किए

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों के तेवर और तीखे हो गए हैं। उनकी मांग है कि पूर्व पीएम हसीना के खिलाफ झूठे मामले वापस लिए जाएं। साथ ही फरवरी में चुनाव की तारीख का ऐलान किया जाए। शुक्रवार को अवामी लीग के कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ भी झड़पें हुईं।

शुक्रवार तड़के ढाका में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास दो बम विस्फोट हुए। इससे पहले 13 नवंबर को हसीना के खिलाफ फैसले की तारीख के ऐलान से पहले अवामी लीग ने विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन किए।

विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि यह तनाव और बढ़ता है तो इससे बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक माहौल पर असर पड़ सकता है। विशेष रूप से निवेश, व्यापार और सुरक्षा व्यवस्था पर इसका गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है।

फिलहाल, देशभर में नजरें अदालत के फैसले और सरकार की आगामी प्रतिक्रिया पर टिकी हुई हैं। समर्थकों का प्रदर्शन यह साफ संकेत देता है कि बांग्लादेश की राजनीतिक लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है।

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