थरूर बोले – कांग्रेस पहले से ज्यादा वामपंथी रुख अपना रही है
नई दिल्ली, 14 नवम्बर 2025 । कांग्रेसी सांसद शशि थरूर ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि पार्टी का राजनीतिक रुख पिछले कुछ वर्षों में बदलकर पहले की तुलना में अधिक वामपंथी होता जा रहा है। उनके अनुसार, कांग्रेस अब सामाजिक न्याय, कल्याणकारी योजनाओं और आर्थिक समानता जैसे मुद्दों पर अधिक जोर दे रही है, जो उसकी नीति दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने गुरुवार को कहा कि पार्टी पिछले कुछ सालों में पहले से ज्यादा वामपंथी रुख अपनाने लगी है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव BJP की “विभाजनकारी राजनीति” का जवाब देने के लिए एक तरह की रणनीतिक कदम माना जा सकता है।
थरूर हैदराबाद में गुरुवार को आयोजित ज्योति कोमिरेड्डी मेमोरियल लेक्चर में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि मनमोहन सिंह के दौर में कांग्रेस का झुकाव ज्यादा सेंटर में था और वह कई नीतियां पिछली BJP सरकार से भी लेती थी।
वहीं दिल्ली के लाल किले के पास कार ब्लास्ट पर थरूर ने कहा कि आतंकवादी वारदात बर्दाश्त नहीं की जा सकती और सरकार को दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
थरूर की 2 बड़ी बातें…
- AICC अध्यक्ष चुनाव पर थरूर ने कहा- मैं दोबारा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं रखता, क्योंकि पिछला अनुभव मेरे लिए संतोषजनक नहीं था। लेकिन मैं यह भी मानता हूं कि किसी भी पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र बेहद जरूरी है। किसी भी पद पर कोई व्यक्ति अनिश्चितकाल तक नहीं बैठना चाहिए।
- अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी के विदेशी स्किल्ड वर्करों को बुलाकर प्रशिक्षित करने और वापस भेजने वाले बयान पर थरूर ने कहा- भारत हमेशा यही चाहेगा कि हमारे लोग विदेश में काम करके अनुभव हासिल करें और फिर देश लौटकर यहां योगदान दें।
कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुके हैं थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर कई बार पार्टी की आधिकारिक लाइन से अलग बयान देकर चर्चा में रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “ऊर्जा और वैश्विक दृष्टि” की तारीफ की थी। हाल ही में वे विदेश नीति से जुड़ी पहल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत के राजनयिक प्रतिनिधि की भूमिका में भी नजर आए।
थरूर के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि क्या कांग्रेस सचमुच वामपंथी आर्थिक नीतियों की तरफ झुक रही है या यह सिर्फ परिस्थितिजन्य रणनीति है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विपक्ष की राजनीति में अपनी प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए कांग्रेस आम जनता के मुद्दों के करीब जाने की कोशिश कर रही है।
यह बयान आने वाले समय में कांग्रेस की नीति और संदेश को लेकर और अधिक बहस पैदा कर सकता है।