18 घंटे काम कर रहीं जापान की नई PM — कार्यशैली और चुनौतियों पर खास फोकस

0

जापान , 14 नवम्बर 2025 । जापान की नई प्रधानमंत्री के पद संभालने के बाद उनके काम करने के तरीकों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा छेड़ दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक वह रोज़ाना औसतन 18 घंटे तक कार्य कर रही हैं। यह लंबा कार्यकाल जहां उनकी प्रतिबद्धता और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है, वहीं जापान की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों की गंभीरता को भी उजागर करता है।

जापान में नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची द्वारा रात 3 बजे मीटिंग बुलाने के बाद देश में वर्क लाइफ बैलेंस पर बहस फिर तेज हो गई है। ताकाइची पहले दिन से ही अपने “काम, काम, काम और सिर्फ काम” वाले रवैये को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि वह 18 घंटे काम करती हैं और वर्क लाइफ बैलेंस पर भरोसा नहीं करतीं। वह चाहती हैं कि लोग “घोड़े की तरह काम करें।”

जापान पहले भी अपनी कठोर वर्क कल्चर की वजह से बदनाम रहा है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद तेज आर्थिक विकास के दौरान काम का दबाव इतना बढ़ा कि कई लोग दिल के दौरे और तनाव के कारण अचानक मरने लगे। इन मौतों को कहा गया- करोशी यानी ओवरवर्क से मौत।

करोशी रोकने के लिए सरकार को ओवरटाइम की सीमा तय करने और कर्मचारियों को आराम देने के कड़े नियम बनाने पड़े। लेकिन ताकाइची की कार्यशैली से अब यह डर बढ़ गया है कि कहीं जापान में ओवरवर्क का वही पुराना कल्चर फिर से लौट न आए।

पूर्व पीएम बोले- 3 बजे मीटिंग बुलाना पागलपन

जापानी संसद में 7 नवंबर को बजट से जुड़ी एक बैठक होने वाली थी। सुबह 3 बजे पीएम ने अपने सलाहकारों को बुलाया और मीटिंग शुरू कर दी।

इस बैठक को जापान के मीडिया में ‘3 ए.एम. स्टडी सेशन’ कहा गया। पूर्व प्रधानमंत्री और मुख्य विपक्षी दल के नेता योशिहिको नोदा ने इस फैसले को “पागलपन” बताया।

नोदा ने कहा कि जब वह प्रधानमंत्री थे (2011-12), वे सुबह 6 या 7 बजे काम शुरू करते थे। नोदा बोले, “वह चाहे जितना काम करें, लेकिन उन्हें दूसरों को इसमें शामिल नहीं करना चाहिए। उस समय तो हर कोई सो रहा होता है। देश की पीएम का ये रवैया बहुत निराशाजनक है।”

इस विवाद के बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनके घर की फैक्स मशीन खराब हो गई थी। इसलिए वह प्रधानमंत्री आवास पर गईं, क्योंकि उन्हें सुबह 9 बजे संसद के बजट सत्र के लिए जरूरी तैयारी करनी थी।

नई प्रधानमंत्री की यह कार्यशैली जापान की प्रशासनिक गति को बदल सकती है। साथ ही, यह बहस भी बढ़ रही है कि क्या राजनीतिक नेतृत्व में ‘ओवरवर्किंग’ एक नई सामान्य स्थिति बननी चाहिए या इससे संतुलन साधने की आवश्यकता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.