भारत G-20 में सबसे तेज़ बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा – वैश्विक आर्थिक आकलन में मजबूत स्थिति

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नई दिल्ली, 14 नवम्बर 2025 । भारत आने वाले वर्षों में भी G-20 देशों में सबसे तेज़ बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी बढ़त बनाए रखेगा। अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संस्थाओं, बाजार विश्लेषकों और वैश्विक वित्तीय एजेंसियों के नवीनतम अनुमानों के अनुसार भारत की विकास दर 6% से अधिक रह सकती है, जो अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफी मजबूत है। इस अनुमान ने भारत की वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थिति को और मजबूत किया है।

मूडीज रेटिंग्स ने कहा है कि भारत आने वाले दो साल तक G-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी बना रहेगा। मूडीज के मुताबिक भारत की GDP ग्रोथ 2027 तक औसतन 6.5% रहने का अनुमान है।

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के ऊंचे टैरिफ और वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रहेगी।

भारतीय इकोनॉमी अमेरिकी टैरिफ का असर नहीं

50% अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भारतीय निर्यातकों ने सफलतापूर्वक नए बाज़ार खोजे हैं। सितंबर में भारत का कुल निर्यात 6.75% बढ़ा, जबकि अमेरिका को निर्यात 11.9% घटा।

मूडीज ने ‘ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2026-27’ रिपोर्ट में कहा कि भारत की विकास दर को मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश, घरेलू उपभोक्ता मांग और निर्यात विविधीकरण का समर्थन मिलेगा। इन कारणों से आर्थिक रफ्तार मजबूत बनी रहेगी।

G-20 ग्रुप क्या है?

G-20 यानी ग्रुप ऑफ ट्वेंटी, दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का एक अनौपचारिक समूह है, जो वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर बातचीत और समाधान निकालने के लिए बना है।

इसका गठन 1999 में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी फोरम के रूप में हुआ था, लेकिन 2008 की ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस (दुनिया भर में आर्थिक संकट) के बाद 2009 से इसे G-20 समिट्स का नाम दिया गया, ताकि बड़े देश मिलकर महंगाई, व्यापार, जलवायु परिवर्तन और विकास जैसे मुद्दों पर सहयोग करें और वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर रखें।

इसमें 19 देश शामिल हैं। अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका। साथ ही यूरोपीय संघ (EU) भी एक सदस्य है, जो कुल मिलाकर दुनिया की 85% GDP और 75% वैश्विक व्यापार को कवर करता है।

आर्थिक सुधारों की निरंतरता, डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार, स्टार्टअप इकोसिस्टम की तेजी, और ऊर्जा बदलाव (ग्रीन एनर्जी) जैसे क्षेत्रों से भारत की वृद्धि को आगे और गति मिलने की उम्मीद है। आने वाले वर्षों में भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ सकता है।

भारत का यह विकास न केवल राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण है बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी एक स्थिरता का स्तंभ साबित हो रहा है।

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