SIR के 9 दिन – चुनाव आयोग ने 42 करोड़ फॉर्म बांटे, रिकॉर्ड स्तर पर जागरूकता अभियान

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नई दिल्ली, 14 नवम्बर 2025 । भारत में मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने इस बार स्पेशल इंटीग्रेशन रजिस्ट्रेशन (SIR) के तहत बड़े पैमाने पर अभियान चलाया, जो कुल 9 दिनों तक चला। इस अवधि में आयोग ने देशभर में 42 करोड़ से अधिक फॉर्म वितरित कर एक नया रिकॉर्ड बनाया। इस पहल का उद्देश्य अधिक से अधिक नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना और उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जोड़ना है।

चुनाव आयोग ने गुरुवार को बताया कि 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अब तक 42 करोड़ (82.71%) फॉर्म मतदाताओं को बांटे जा चुके हैं। इन सभी राज्यों में 50.99 करोड़ मतदाता हैं। तमाम विरोध के बावजूद बंगाल में 93% फॉर्म बांटे जा चुके हैं जो गुजरात के 94% और राजस्थान के 86% से काफी ज्यादा है।

वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) का दूसरा दौर 4 नवंबर को 12 राज्यों में शुरू हुआ था। स्पेसिफिक इन्युमरेशन फॉर्म छापने और मतदाताओं तक पहुंचाने का काम जारी है। SIR के विरोध की सबसे ज्यादा चर्चा में पश्चिम बंगाल है। आयोग का दावा है कि बंगाल में तेजी से काम हो रहा है।

तृणमूल ने दावा किया है कि SIR मुद्दे पर राज्य में 18 लोगों की मौत हो गई है। तृणमूल ने आरोप लगाया है कि आयोग ने SIR के बीच बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) नियुक्ति के नियम बदले हैं।

लोकतंत्र को मजबूत बनाने का प्रयास

चुनाव आयोग का मानना है कि मतदाता सूची का मजबूत, सटीक और अपडेट होना लोकतंत्र की विश्वसनीयता की रीढ़ है।
SIR के 9 दिनों में हुआ 42 करोड़ फॉर्म्स का वितरण दिखाता है कि आयोग चाह रहा है—

  • हर नागरिक तक उसकी दस्तक पहुँचे,

  • कोई मतदाता प्रक्रिया से बाहर न रह जाए,

  • और देश में मतदान प्रतिशत बढ़ाया जा सके।

अभियान की सफलता को देखते हुए आने वाले महीनों में आयोग और भी डिजिटल और फिजिकल दोनों तरीकों से जागरूकता बढ़ाने की योजना बना रहा है।

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