नई दिल्ली, 13 नवम्बर 2025 । दिल्ली में हुए हालिया ब्लास्ट को लेकर जांच एजेंसियों ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। शुरुआती जांच में यह दावा किया गया है कि इस धमाके की प्लानिंग तुर्किये से की गई थी, और इसमें अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की भूमिका सामने आ रही है। इस खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली समेत पूरे देश में सतर्कता बढ़ा दी है।
दिल्ली ब्लास्ट की जांच कर रही एजेंसियों को एक बड़ा सुराग मिला है। न्यूज एजेंसी PTI ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों का तुर्किये की राजधानी अंकारा में बैठे एक विदेशी हैंडलर के बीच सीधा संपर्क था।
जांच में पता चला है कि वह अंकारा से ही आरोपियों की एक्टिविटी, फंडिंग और कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने से जुड़ी पूरी कार्रवाई संभाल रहा था। प्लानिंग के लिए सेशन ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा था।
अधिकारियों ने बताया कि इस हैंडलर की पहचान कोडनेम ‘उकासा’ (Ukasa) से हुई है। उकासा अरबी भाषा का शब्द है। इसका मतलब मकड़ी होता है। संभव है कि यह उसका असली नाम नहीं बल्कि पहचान छिपाने के लिए इस्तेमाल किया गया है। हालांकि तुर्किये ने इसे दुष्प्रचार बताया है।
तुर्किये ने आतंकियों से कनेक्शन की खबरों को झूठा बताया
तुर्किये ने दिल्ली धमाके के आतंकियों और तुर्किये के हैंडलर से कनेक्शन की खबरों को झूठा बताया है। तुर्किये सरकार ने कहा कि इस तरह की झूठी रिपोर्टों का मकसद दोनों देशों के आपसी रिश्तों को नुकसान पहुंचाना है।
जनवरी में दो डॉक्टर तुर्किये भी गए थे
इससे पहले दिल्ली धमाके की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि आतंकी मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल गनई के मोबाइल फोन से प्राप्त डंप डेटा से पता चला है कि उन्होंने इस साल जनवरी में लाल किले क्षेत्र की कई बार रेकी की थी।
ये रेकी गणतंत्र दिवस पर ऐतिहासिक स्मारक को निशाना बनाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थे, लेकिन उस समय क्षेत्र में कड़ी गश्त के कारण इसे नाकाम कर दिया गया।
दिल्ली धमाके में तुर्किये कनेक्शन की जांच ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर नई चिंता पैदा कर दी है। यह मामला साफ तौर पर बताता है कि भारत के खिलाफ आतंकी साजिशें अब वैश्विक नेटवर्क के जरिए रची जा रही हैं। आने वाले दिनों में जांच से और कई महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना है।