दिल्ली धमाका: 37 दिन पहले शादी में बना था आतंकियों का ग्रुप, जांच में हुआ बड़ा खुलासा

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नई दिल्ली, 12 नवम्बर 2025 । दिल्ली में हुए धमाके की जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले के पीछे शामिल आतंकी ग्रुप की नींव सिर्फ 37 दिन पहले एक शादी समारोह में रखी गई थी। वहीं से आतंकियों ने अपने नेटवर्क को मजबूत किया और राजधानी में धमाका करने की साजिश रची।

दिल्ली में लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए धमाके के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का नया वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल (आतंकियों का ग्रुप) उजागर हुआ है। इस मॉड्यूल में डॉक्टर, प्रोफेसर और महिला सदस्य शामिल थे, जो पाकिस्तानी हैंडलर्स के सीधे संपर्क में थे।

जांच में पता चला है कि यह नेटवर्क मेडिकल प्रोफेशन और शैक्षणिक संस्थानों की आड़ में काम कर रहा था, और हरियाणा के फरीदाबाद, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा और यूपी के सहारनपुर सहित कई इलाकों से जुड़ा था। इसकी शुरुआत धमाके से 37 दिन पहले 4 अक्टूबर को सहारनपुर में एक शादी से हुई थी। इसके बाद ग्रुप ने फौजियों को धमकाने वाले पोस्टर, हथियार, विस्फोटक और फंडिंग के नेटवर्क तैयार करना शुरू किया।

सुरक्षा एजेंसियों को कश्मीर में 19 अक्टूबर को जैश के पोस्टर दिखने से मॉड्यूल के एक्टिव होने का सुराग मिला। जांच में सामने आया कि नेटवर्क की सबसे अहम महिला सदस्य डॉ. शाहीन सईद थी। वह जैश सरगना मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर से जुड़ी थी।

4 अक्टूबर को एक्टिव हुआ था मॉड्यूल

जांच में पता चला कि यह मॉड्यूल 4 अक्टूबर को एक्टिव हुआ था, जब सहारनपुर में डॉ. आदिल की शादी डॉ. रुकैया से हुई थी। शादी में कुछ ‘खास मेहमान’ शामिल थे, जिनकी पहचान एजेंसियां कर रही हैं।

शादी के अगले दिन इस मॉड्यूल ने काम शुरू किया। इसका मकसद फौजियों को धमकाने वाले पोस्टर लगाना, हथियारों की सप्लाई और पैसों का इंतजाम करना था। डॉ. आदिल लॉजिस्टिक और फाइनेंशियल चैनल संभालता था। नेटवर्क का प्लान था कि मेडिकल प्रोफेशन की आड़ में फंडिंग और ट्रांसपोर्टेशन चैनल बनाए जाएं।

पोस्टर से मिला पहला सुराग

जांच की शुरुआत तब हुई जब कश्मीर के नौगाम इलाके में 19 अक्टूबर को जैश सके पोस्टर दिखे। पुलिस ने केस दर्ज किया। 27 अक्टूबर को फिर से 25 से ज्यादा पोस्टर लगे। 50 अधिकारियों की टीम ने 60 CCTV कैमरे खंगाले। 31 अक्टूबर को डॉ. आदिल फुटेज में दिखा, जो पोस्टर लगाने वाले इलाकों में घूम रहा था।

दिल्ली पुलिस और NIA की संयुक्त कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने दिल्ली पुलिस के साथ संयुक्त टीम बनाकर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल, कुछ संदिग्धों से पूछताछ जारी है और कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है।
जांच एजेंसियों का मानना है कि यह धमाका किसी “टेस्ट ऑपरेशन” की तरह किया गया, ताकि बड़े हमले से पहले सुरक्षा तंत्र की प्रतिक्रिया को परखा जा सके।

दिल्ली धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, साजिश के नए पहलू सामने आ रहे हैं। शादी समारोह से लेकर धमाके तक की यह साजिश दिखाती है कि आतंकी अब सामाजिक आयोजनों को भी अपने नेटवर्क फैलाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक नई चुनौती है, वहीं जनता के लिए सतर्क रहना पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है।

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