भारत को 113 तेजस मार्क-1A इंजन देगा अमेरिका: रक्षा सौदे से वायुसेना की ताकत में बड़ा इजाफा
नई दिल्ली, 08 नवम्बर 2025 । भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक और अहम कदम सामने आया है। अमेरिका ने भारत को 113 ‘GE F-414’ इंजन देने पर सहमति जताई है, जिन्हें तेजस मार्क-1A लड़ाकू विमानों में लगाया जाएगा। यह सौदा न सिर्फ तकनीकी सहयोग को मजबूत करेगा, बल्कि भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता (Make in India) अभियान को भी नई गति देगा।
क्या है तेजस मार्क-1A?
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हल्का मल्टी-रोल फाइटर जेट
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भारत में विकसित स्वदेशी LCA (Light Combat Aircraft) कार्यक्रम का उन्नत संस्करण
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एयर–टु–एयर और एयर–टु–ग्राउंड मिशन में सक्षम
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आधुनिक एवियोनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, और बेहतर नेविगेशन तकनीक से लैस
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने शुक्रवार को अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के साथ 1 अरब डॉलर (करीब ₹8,870 करोड़) की डील की। इस इसके तहत GE भारत को 113 जेट इंजन और सपोर्ट पैकेज देगी।
HAL ने समझौते के बारे में X में पोस्ट कर जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि ये इंजन 97 मार्क-1A लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (तेजस फाइटर जेट) में लगाए जाएंगे। इंजन की डिलीवरी 2027 से 2032 के बीच होगी।
दरअसल केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने 25 सितंबर को HAL के साथ ₹62,370 करोड़ की डील की थी। इसके तहत HAL भारतीय वायुसेना के लिए 97 LCA तेजस मार्क-1A लड़ाकू विमान बनाएगा।
2021ः HAL को 83 तेजस मार्क-1A का ऑर्डर, अभी 1 भी डिलीवरी नहीं
इससे पहले फरवरी 2021 में सरकार ने HAL के साथ 83 तेजस मार्क-1A खरीदने के लिए 48,000 करोड़ का करार किया था, लेकिन HAL अमेरिकी इंजन की डिलीवरी में देरी की वजह से अभी तक एक भी एयरक्राफ्ट नहीं सौंप पाया है। उम्मीद है कि 2028 तक HAL सभी एयरक्राफ्ट्स वायुसेना को सौंप देगा। इसके लिए HAL को GE की ओर से अभी तक 4 इंजन भी मिल चुके हैं।
भारतीय वायुसेना पर प्रभाव
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तेजस बेड़े की संख्या बढ़ेगी, जिससे पुरानी विमानों की जगह आधुनिक जेट्स तैनात हो सकेंगे
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मल्टी-रोल मिशन, सीमा निगरानी, त्वरित प्रतिक्रिया और हवाई सुरक्षा में बढ़त
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चीन और पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर वायुसेना की क्षमता में मजबूती