ममदानी की जीत से मुश्किल में न्यूयॉर्क के अरबपति ,नए मेयर की नीतियां रियल एस्टेट और कॉर्पोरेट लॉबी के लिए चुनौती

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न्यूयॉर्क , 07 नवम्बर 2025 । न्यूयॉर्क के नए मेयर ज़ोरावर ममदानी की ऐतिहासिक जीत ने शहर की राजनीति में बड़ा बदलाव ला दिया है। ममदानी सामाजिक न्याय, हाउसिंग रिफॉर्म और टैक्स पारदर्शिता के एजेंडा के साथ आगे आए हैं। उनकी जीत से जहां आम नागरिक और मिडिल क्लास समर्थक खुश हैं, वहीं बड़े रियल एस्टेट कारोबारी और अरबपति लॉबी खुद को मुश्किल में महसूस कर रही है।

न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में भारतीय मूल के जोहरान ममदानी की जीत से शहर के अरबपतियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जे.एल. पार्टनर्स सर्वे के मुताबिक, न्यूयॉर्क के 9% यानी करीब 7.65 लाख लोग शहर छोड़ सकते हैं।

इसकी बड़ी वजह ममदानी की अमीरों पर एक्स्ट्रा टैक्स लगाने की पॉलिसी है। उन्होंने चुनाव से पहले वादा किया था कि वे अमीरों और बड़ी कंपनियों पर नए टैक्स लगाकर 9 अरब डॉलर जुटाएंगे।

उधर, टेक्सास के रिपब्लिकन गवर्नर ग्रेग एबॉट ने चुनाव से पहले धमकी दी थी कि ममदानी के जीतने के बाद अगर न्यूयॉर्क से लोग टेक्सास आए तो उन पर 100% टैरिफ लगेगा।

जोहरान ममदानी ने बुधवार को मेयर चुनाव में पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूमो को हराया। ममदानी पिछले 100 सालों में न्यूयॉर्क के सबसे युवा, पहले भारतवंशी और पहले मुस्लिम मेयर होंगे।

21 लाख लोग शहर छोड़ने पर विचार कर रहे

सर्वे में यह भी सामने आया था कि ममदानी की जीत के बाद करीब 25% यानी करीब 21 लाख लोग शहर छोड़ने पर विचार कर सकते हैं। यह आंकड़ा अगर सच साबित हुआ तो ये अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा शहरी पलायन होगा। न्यूयॉर्क की कुल आबादी करीब 84 लाख है। सर्वे की प्रमुख बातें…

  • 9% न्यूयॉर्कवासी (7.65 लाख लोग) निश्चित तौर पर शहर छोड़ देंगे।
  • 25% (21 लाख) इस पर विचार कर रहे हैं।
  • सबसे ज्यादा पलायन स्टेटन आइलैंड से होगा। यहां के 21% लोग तुरंत शहर छोड़ने को तैयार हैं।
  • 13% व्हाइट और 11% एशियाई मूल के निवासी न्यूयॉर्क से निकल सकते हैं।

पोलस्टर जेम्स जॉनसन के मुताबिक, अगर इतने लोग शहर छोड़ गए तो इसका आर्थिक असर पूरे अमेरिका में भूकंप जैसा होगा।

राजनीतिक प्रभाव

ममदानी की जीत प्रोग्रेसिव राजनीति की सबसे बड़ी उपलब्धियों में गिनी जा रही है। यह नतीजा बताता है कि न्यूयॉर्क के नागरिक अब ऐसी नीतियां चाहते हैं जो जनता को केंद्र में रखकर बनाई जाएं, न कि अरबपतियों के हितों के लिए।

न्यूयॉर्क में यह बदलाव आने वाले समय में अमेरिका की राष्ट्रीय राजनीति पर भी असर डाल सकता है।

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