जापान में भालुओं को पकड़ने के लिए सेना तैनात – मानव-वन्य संघर्ष बढ़ा, सरकार अलर्ट मोड में

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जापान , 06 नवम्बर 2025 । जापान के उत्तरी और पहाड़ी इलाकों में भालुओं का खतरा तेजी से बढ़ गया है। ग्रामीण इलाकों में लोगों पर हमलों की घटनाएँ बढ़ने के बाद सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए भालुओं को पकड़ने के लिए सेना की तैनाती की है। यह पहला मौका नहीं है जब जापान को भालुओं की आबादी से निपटने के लिए प्रशासनिक और सैन्य सहायता लेनी पड़ी, लेकिन इस बार हालात अधिक गंभीर बताए जा रहे हैं।

क्यों बढ़ा संकट?

वन विशेषज्ञों के अनुसार पहाड़ी जंगलों में भोजन की भारी कमी होने के बाद भालू गांवों और शहरों के बाहरी इलाकों तक पहुंचने लगे।
– फसल और अनाज की खुशबू
– घरों के आसपास पड़े कूड़े में भोजन
– इंसानों की आवाजाही से कम होता डर
इन कारणों से भालू मानव बस्तियों में ज्यादा देखे जाने लगे। कई खेतों, बस स्टॉप और स्कूल रूट्स पर उनकी मौजूदगी दर्ज हुई।

जापान ने बुधवार को कई इलाकों में भालुओं को पकड़ने के लिए सेल्फ-डिफेंस फोर्सेज (SDF) को तैनात किया है। भालू विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यहां के पहाड़ी इलाकों में भालुओं का आतंक बढ़ता जा रहा है।

अप्रैल से अब तक पूरे देश में 100 से अधिक भालू हमले हो चुके हैं, जिनमें 12 लोगों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा मौतें अकिता प्रांत और पड़ोसी शहर इवाते में हुईं। अकिता में भालू दिखने की घटनाएं इस साल छह गुना बढ़कर 8,000 से अधिक हो गईं।

स्थिति बेकाबू होने पर प्रांत के गवर्नर ने सेना की मदद मांगी। बुधवार को SDF के सैनिक काजुनो शहर पहुंचे, जहां वे भालू पकड़ने के लिए स्टील जाल लगाने में स्थानीय अधिकारियों की मदद कर रहे हैं।

वहीं, भालुओं को मारने का काम ट्रेंड शिकारियों को सौंपा गया है। इनसे बचने के लिए अधिकारियों ने लोगों को घरो के बाहर घंटी रखने की सलाह दी है, ताकि तेज आवाज सुनकर भालू घर के पास न आए।

भालुओं के हमले के डर से कई स्कूल बंद

काजुनो शहर में रह रहे 30 हजार निवासियों को जंगल से दूर रहने, रात में घर से बाहर न निकलने, घंटी रखने और तेज साउंड की मदद से भालुओं को भगाने की सलाह दी जा रही है।

शहर के लोगों ने मीडिया को बताया कि, ‘पहले भालू शहरों की तरफ नहीं आते थे, लेकिन अब वे इंसानों की तरफ आते हैं। ये बेहद डरावने हो गए हैं। इनसे डर लगता है’

मेयर शिंजी सासामोतो ने बताया कि डर के कारण लोग बाहर जाना बंद कर चुके हैं और कई इवेंट भी टाले जा चुके हैं। सेना नवंबर के अंत तक काजुनो के अलावा ओडेट और किताअकिता शहरों में भी मदद करेगी।

भालुओं के हमले सुपरमार्केट, आसपास के रिजार्ट, बस स्टॉप और स्कूल परिसर तक पहुंच गए हैं। यहां कुछ स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

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