वर्ल्डकप जीतने के बाद हरमनप्रीत–स्मृति ने ट्रॉफी का टैटू बनवाया

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नई दिल्ली। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक वर्ल्डकप जीत के बाद खिलाड़ियों में उत्साह, गर्व और भावनाओं का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह अभी तक जारी है। इसी कड़ी में कप्तान हरमनप्रीत कौर और उपकप्तान स्मृति मंधाना ने अपनी यादगार जीत को हमेशा के लिए संजोने के लिए ट्रॉफी का टैटू बनवाया। यह कदम न सिर्फ उनके व्यक्तिगत जज्बात का प्रतीक है, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट की नई पहचान और आत्मविश्वास का उदाहरण भी है।

2 नवंबर को विमेंस वनडे वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर और उपकप्तान स्मृति मंधाना ने वर्ल्ड कप ट्रॉफी का टैटू बनवाया है।

हरमन ने बुधवार को सोशल प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर अपने टैटू की फोटो पोस्ट की। इसमें ‘2025’ और ’52’ लिखा है। यह 2025 महिला वनडे वर्ल्ड कप और फाइनल में भारत की 52 रन की जीत को दर्शाते हैं। साथ ही 1973 से अब तक विमेंस वर्ल्ड कप के 52 साल पूरे होने का प्रतीक है।

हरमन ने अपनी पोस्ट में लिखा- ‘पहले दिन से इसका (ट्रॉफी) इंतजार था। वहीं, स्मृति मंधाना का टैटू BCCI द्वारा बुधवार को जारी एक वीडियो में दिखा। उन्होंने हाथ पर ट्रॉफी के साथ 2025 लिखवाया।

साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार जीता वर्ल्ड कप भारत की लड़कियों ने रविवार (2 नवंबर) को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स एकेडमी में खेले गए फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराकर वर्ल्ड कप जीता था। 87 रन बनाने के बाद 2 अहम विकेट लेने वालीं 21 साल की शेफाली वर्मा प्लयेर ऑफ द फाइनल रहीं।

DY पाटील स्टेडियम में साउथ अफ्रीका ने बॉलिंग चुनी। भारत ने 7 विकेट खोकर 298 रन बनाए। शेफाली ने 87, दीप्ति शर्मा ने 58, स्मृति मंधाना ने 45 और ऋचा घोष ने 34 रन की पारी खेली। साउथ अफ्रीका से आयाबोंगा खाका ने 3 विकेट लिए।

दोनों खिलाड़ियों के इस कदम ने क्रिकेट प्रशंसकों के बीच भी उत्साह बढ़ा दिया है। सोशल मीडिया पर हजारों फैंस ने उनके टैटू की तस्वीर साझा कर लिखा—“यह सिर्फ इंक नहीं, इतिहास है।”
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना उन तमाम युवा लड़कियों के लिए प्रेरणा है, जो क्रिकेट या किसी भी खेल में करियर बनाने का सपना देख रही हैं। इस टैटू के पीछे सिर्फ एक तस्वीर नहीं, बल्कि संघर्ष, त्याग, मेहनत और राष्ट्रीय गौरव की पूरी कहानी छिपी है।

भारतीय महिला क्रिकेट की यह जीत और उसका जश्न आने वाले लंबे समय तक देश की खेल संस्कृति को प्रेरित करता रहेगा।

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