वॉशिंगटन, 1 नवम्बर 2025 । अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक विश्लेषक और प्रख्यात प्रोफेसर मह्मूद ममदानी ने एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत में मोदी सरकार के कार्यकाल में अल्पसंख्यकों पर हिंसा और भेदभाव बढ़ा है। यह बयान उन्होंने लंदन में आयोजित ग्लोबल जस्टिस एंड डेमोक्रेसी कॉन्फ्रेंस में दिया, जहाँ उन्होंने दक्षिण एशिया में लोकतंत्र की स्थिति पर अपने विचार रखे।
न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के डेमोक्रेट उम्मीदवार जोहरान ममदानी ने शुक्रवार को एक गुरुद्वारे में पीएम मोदी के खिलाफ विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि मोदी और भारत सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की नीति अपनाती है।
ममदानी ने कहा कि मेयर एरिक एडम्स ने शहर में रहना बेहद महंगा कर दिया है और साथ ही पीएम मोदी और भारत सरकार से नजदीकी बढ़ाई है, जो हमारी कम्युनिटी के खिलाफ हिंसा की नीति अपनाती है।
राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क के लोग किसे मेयर कौन चुनते हैं, यह हमारा मामला नहीं है, लेकिन जोहरान ने गुरुद्वारे में जो कहा, वह परेशान करने वाला है।
ट्रम्प ने कट्टरपंथी होने का आरोप लगाया था
ये पहली बार नहीं है जब ममदानी इस तरह के विवाद में पड़े हो। कुछ दिन पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ममदानी पर इस्लामिक कट्टरपंथी का करीबी होने का आरोप लगाया था।
दरअसल, ममदानी 18 अक्टूबर को ब्रुकलिन के इमाम सिराज वहाज के साथ हंसते और फोटो खिंचाते दिखाई दिए थे। वहाज पर 1993 के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर बमबारी करने का साजिश रचने और मुसलमानों को जिहाद के लिए उकसाने का आरोप है।
भारतीय मूल के हैं जोहरान ममदानी
जोहरान ममदानी भारतीय-अमेरिकी फिल्ममेकर मीरा नायर के बेटे हैं। ममदानी का जन्म युगांडा में हुआ, लेकिन अमेरिका में पले-बढ़े हैं। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 2018 में जोहरान को अमेरिका की नागरिकता मिल गई। उन्होंने क्वींस और ब्रुकलिन में डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों के लिए काम करके राजनीति सीखी।मह्मूद ममदानी का यह बयान भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने पर एक गहन विमर्श को जन्म देता है।
जहाँ एक ओर सरकार इसे “राजनीतिक बयानबाज़ी” कहकर खारिज कर रही है, वहीं आलोचकों का मानना है कि यह आत्मचिंतन का समय है — ताकि भारत अपनी बहुलतावादी परंपरा को मजबूत बनाए रख सके।