नई दिल्ली, 30 अक्टूबर 25 । लोकप्रिय पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने हाल ही में नस्लभेद का सामना करने का दर्द साझा किया, जिससे मनोरंजन जगत में हलचल मच गई। विदेश में आयोजित एक संगीत कार्यक्रम के दौरान उनके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किए जाने की खबरें सामने आईं। इस घटना ने न केवल उनके प्रशंसकों को दुखी किया, बल्कि एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया कि वैश्विक मंच पर भी नस्लभेद जैसी मानसिकता क्यों बनी हुई है।
दिलजीत दोसांझ को ऑस्ट्रेलिया टूर के दौरान नस्लभेद का सामना करना पड़ा। उनके ऑस्ट्रेलिया पहुंचने की खबर सुनकर लोगों ने कहा कि नया ऊबर ड्राइवर आ गया है। कुछ लोग ने इसके अलावा भी कई आपत्तिजनक कमेंट्स किए। अब दिलजीत ने इसका खुलासा करते हुए कहा है कि उन्हें इन सब बातों से अब गुस्सा नहीं आता है।
दिलजीत दोसांझ ने हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल से ऑस्ट्रेलिया टूर का बिहाइंड द सीन वीडियो शेयर किया है। इसमें उन्होंने कहा, ‘जब हमने यहां लैंड किया फ्लाइट से, तो डेली मेल वाले आए। उन्होंने एक न्यूज डाली थी कि दिलजीत दोसांझ करके भारत (पंजाब) से लैंट किया है। मुझे किसी ने वो पोस्ट भेजी, मैंने जाकर चैक की। मुझे पहले पता नहीं था कि उन्होंने वो अपलोड की है। उसके नीचे बहुत सारे कमेंट्स थे, जैसे कि, “नया ऊबर ड्राइवर आ गया,” “7-11 पर नया काम करने वाला आ गया” मतलब ऐसे-ऐसे रेसिज्म वाले कमेंट्स बहुत थे।’
आगे दिलजीत ने कहा है, ‘मैंने देखा लोग वहां लड़ भी रहे थे, क्योंकि उन्होंने अपनी पहचान के लिए यहां बहुत संघर्ष किया है। मुझे ऐसा लगता है कि यह दुनिया, यह जो धरती है, इस पर कोई सीमाएं नहीं होनी चाहिए। कोई भी कहीं भी जा सकता है। लेकिन लोगों ने जैसे अपनी-अपनी सीमाएं बना रखी हैं, कि “यह हमारा है,” “हमारा देश,” “हमारा देश,” “यह हमारा देश है”, “यह हमारा इलाका है, तुम यहां मत आओ, हम वहां नहीं जाएंगे।” मेरे लिए तो धरती एक ही है। और जिन्होंने यहां आकर मेहनत की है, मुझे उन पर बिल्कुल गुस्सा नहीं आता।’
‘जिन लोगों ने कमेंट्स किए कि “ऊबर वाले आ गए,” या “सफाई करने वाले आ गए”, अरे भाई, अगर वक्त पर ऊबर मिल जाए, तो वही तो सबसे बड़ी राहत होती है। कभी-कभी अगर ऊबर न मिले, तो “मुश्किलें भी लग जाती हैं” और कोई कहता है, “नया ट्रक ड्राइवर आ गया, चाबी वाला।” अरे, अगर ट्रक चलाने वाले न हों, तो वापस जाकर ब्रेड भी घर तक नहीं पहुंचेगी।’