वॉशिंगटन , 25 अक्टूबर 2025 । दक्षिण एशिया की राजनीति में भूचाल लाने वाला बड़ा खुलासा सामने आया है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों और कूटनीतिक सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि पाकिस्तान ने अपने कुछ परमाणु हथियार अमेरिका को सौंप दिए थे, ताकि देश में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता और आतंकी संगठनों के खतरे से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने अपने देश के परमाणु हथियारों का नियंत्रण अमेरिका को सौंप दिया था। अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के पूर्व अफसर जॉन किरियाकू ने शुक्रवार को यह दावा किया है। किरियाकू ने कहा कि अमेरिका ने मुशर्रफ को लाखों डॉलर की मदद के जरिए ‘खरीद’ लिया था। उनके शासनकाल में अमेरिका को पाकिस्तान की सुरक्षा और सैन्य गतिविधियों तक लगभग पूरी पहुंच थी। किरियाकू ने यह बयान न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मुशर्रफ ने दोहरे खेल खेले। उन्होंने एक तरफ अमेरिका के साथ दिखावा किया और दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना और चरमपंथियों को भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियां जारी रखने दिया।
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का कहना है कि यदि यह रिपोर्टें सच हैं, तो यह दक्षिण एशिया की सामरिक संतुलन व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव होगा। भारत सहित कई देशों ने पहले ही इस घटनाक्रम पर निगरानी बढ़ा दी है।
यह खुलासा न केवल पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि परमाणु हथियारों की राजनीति केवल शक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि सुरक्षा का सबसे बड़ा बोझ भी बन सकती है।