नई दिल्ली, 24 अक्टूबर 2025 । कीमती धातुओं के बाजार में इन दिनों बड़ी हलचल देखने को मिल रही है। बीते 10 दिनों में चांदी की कीमत में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जबकि सोने के भाव में भी उल्लेखनीय कमी आई है। निवेशकों और आभूषण कारोबारियों के लिए यह बदलाव बाजार के रुझान और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों से जुड़ा संकेत माना जा रहा है।
सोने-चांदी के दाम में लगातार तेजी के बाद अब गिरावट शुरु है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार चांदी की कीमत में आज यानी, 23 अक्टूबर को 1,051 रुपए की गिरावट रही, ये 1,51,450 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रही है। 14 अक्टूबर को कीमत 1,78,100 रुपए के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई थी, तब से इसमें 26,650 रुपए गिरावट है।
वहीं, 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम आज 553 रुपए घटकर 1,23,354 रुपए पर आ गया है। इससे पहले, 17 अक्टूबर के कारोबार में सोने ने 1,30,874 रुपए का ऑल टाइम हाई बनाया था। तब से इसमें 7,520 रुपए की गिरावट आ चुकी है।
सोना-चांदी के दाम में हाल ही में आई गिरावट के कारण
- भारत में सीजनल बाइंग का खत्म होना: दीवाली जैसे फेस्टिवल के बाद इंडिया में सोने-चांदी की खरीदारी का सिलसिला थम गया। इससे सोना-चांदी की डिमांड में कमी आई है।
- अमेरिका-चीन ट्रेड टेंशन में ढील: सोना-चांदी को ‘सेफ-हेवन’ माना जाता है, यानी मुश्किल वक्त में लोग इन्हें खरीदते हैं। लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के शी जिनपिंग के बीच अगले हफ्ते मीटिंग होने वाली है। इससे ट्रेड वॉर की चिंता कम हुई है।
- प्रॉफिट-टेकिंग और ओवरबॉट सिग्नल: रैली के बाद निवेशक प्रॉफिट बुक कर रहे हैं। टेक्निकल इंडिकेटर्स जैसे रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) दिखा रहे थे कि कीमतें ओवरबॉट जोन में पहुंच चुकी थीं। इसलिए ट्रेंड फॉलोअर्स और डीलर्स ने बिकवाली शुरू कर दी है।
इस साल सोना ₹47,192 और चांदी ₹65,433 महंगी हुई
इस साल अब तक सोने की कीमत 47,192 रुपए बढ़ी है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था, जो अब 1,23,354 रुपए हो गया है।
चांदी का भाव भी इस दौरान 65,433 रुपए बढ़ गया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 1,51,450 रुपए प्रति किलो हो गई है।
हालाँकि, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, क्योंकि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के चलते सोना अब भी सुरक्षित निवेश का प्रमुख विकल्प बना हुआ है।
कुल मिलाकर, कीमती धातुओं के बाजार में आई यह नरमी निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए राहत लेकर आई है, लेकिन आने वाले दिनों में बाजार की दिशा अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संकेतकों पर निर्भर करेगी।